सूरत (गुजरात, भारत) के एक ट्रस्ट द्वारा भगवान राम और देवी सीता के विवाह के उपलक्ष्य में ‘बिबाह पंचमी’ के अवसर पर नेपाल के जानकी मंदिर को 108 मीटर लंबी चुनरी चढ़ाई गई है। शुक्रवार को होने वाला यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद शहर में आयोजित होने वाला पहला ‘विवाह पंचमी’ है। जिन माता ट्रस्ट द्वारा भेजी गई लाल रंग की चुनरी प्राचीन ऐतिहासिक शहर जनकपुर में दूर-दूर तक फैली हुई है। सीताराम गौशाला के अध्यक्ष मनोज रूंगटा, जिन्होंने चुनरी को जनकपुर लाने में मदद की, ने एएनआई को बताया, आज पहली बार सूरत (गुजरात, भारत) से जिन माता ट्रस्ट ने 108 मीटर लंबी चुनरी (शॉल) जनकपुर भेजी है। यह पहली बार है कि इसे जनकपुर लाया गया है।
माता जानकी को 108 मीटर की चुनरी चढ़ाई गई
जनकपुर के लोग इस बात से बहुत खुश हैं कि इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता और उन्होंने अपना पूरा समर्थन दिया। लोगों ने शोभा यात्रा में हिस्सा लिया और हम चाहते हैं कि यह आगे भी जारी रहे, भक्त इसे जानकी मंदिर भेजें और हम इसे देवी को अर्पित करें।” जनकपुर, हिंदू देवी सीता का पैतृक घर, इस सप्ताह शुक्रवार को होने वाले ‘विवाह पंचमी’ कार्यक्रम से पहले उत्सव और भव्यता से भर गया है। इस साल की शुरुआत में अयोध्या में राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के बाद यह पहला विवाह पंचमी समारोह होगा। हर साल, मार्गशीर्ष महीने के पांचवें दिन, भक्त दिव्य विवाह के दिन विवाह पंचमी मनाते हैं। मारवाड़ी सेवा समिति के अध्यक्ष निर्मल चौधरी ने मिडिया को बताया, “विवाह पंचमी 2081 (2024) के अवसर पर जनकपुर नगर भ्रमण के बाद माता जानकी को 108 मीटर की चुनरी चढ़ाई गई है।
मंगलवार को भगवान राम की बारात धूमधाम से जनकपुर पहुंची
जिन माता (ट्रस्ट) ने अब तक 475 से अधिक भगवती मंदिरों में चुनरी चढ़ाई है। आज सीताराम गौशाला से आई 476वीं चुनरी नगर भ्रमण के बाद विवाह पंचमी के अवसर पर माता जानकी को चढ़ाई गई है। मंगलवार को भगवान राम की बारात धूमधाम से जनकपुर पहुंची। देश के विभिन्न कोनों से अयोध्या से आए करीब 500 श्रद्धालु भगवान राम के विवाह में बाराती बनकर जनकपुर धाम पहुंचे। तिरुपति से आए चालीस वैदिक ब्राह्मण जनकपुर धाम में सीता-राम का विवाह संपन्न कराएंगे। ये वैदिक ब्राह्मण विवाह की रस्में संपन्न कराने के लिए सीधे जनकपुर पहुंचेंगे। शास्त्रों के अनुसार, अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र भगवान राम ने त्रेता युग में जनकपुरधाम के राजा जनक की पुत्री देवी सीता से विवाह किया था। यह विवाह जनकपुरधाम में संपन्न हुआ था।