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By- Khushboo Sharma
Sept 24, 2024
Source : Google Source/Pinterest
गंगा जल गंगा जल का उपयोग मंदिर में शुद्धिकरण के लिए किया जाता है। इसे पवित्र माना जाता है और इससे पूरे मंदिर का अभिषेक किया जाता है
नमक समुद्री नमक या हिमालयन नमक का उपयोग मंदिर के शुद्धिकरण के लिए किया जाता है। इसे जल में मिलाकर मंदिर की फर्श और दीवारों को धोया जाता है
गोबर गोबर से बने उपले या गोबर का उपयोग मंदिर की सफाई में किया जाता है। यह शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है
आवश्यक वस्त्र मंदिर के पवित्र स्थानों को शुद्ध करने के लिए विशेष वस्त्रों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि सफेद कपड़े
धूप और अगरबत्ती मंदिर में धूप और अगरबत्तियों का जलाना भी शुद्धिकरण का एक हिस्सा है। इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
फूल और पौधे ताजे फूलों का उपयोग मंदिर को सजाने और शुद्ध करने के लिए किया जाता है। इससे वातावरण में सुगंध फैलती है
सरसों का तेल सरसों के तेल का दीपक जलाने से भी शुद्धिकरण होता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है
विशेष मंत्र मंदिर के शुद्धिकरण के दौरान विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है, जो शांति और पवित्रता का संचार करते हैं
प्रदक्षिणा शुद्धिकरण के बाद भक्तों द्वारा मंदिर की प्रदक्षिणा की जाती है, जिससे उनकी आस्था और श्रद्धा को और बढ़ावा मिलता है