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By- Yogita Tyagi
April 11, 2024
9 अप्रैल 2024 से नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है आज इसका तीसरा दिन है तीसरा दिन माँ चंद्रघंटा को समर्पित है आइए जानें इनकी कथा के बारे में
प्रचलित कथा के अनुसार माँ दुर्गा ने अपना तीसरा रूप यानिकि माँ चंद्रघंटा का अवतार उस समय लिया जब पृथ्वी पर दानवों या राक्षसों का आतकं बढ़ने लगा
सभी दानवों में सबसे ज्यादा आतंक फैलाने वाला दानव महिषासुर ही था और उस समय स्वर्ग लोक के सभी देवता महिषासुर के साथ युद्ध करने में लगे हुए थे
महिषासुर देवराज इंद्र की जगह विराजमान होना चाहता था और स्वर्ग लोक पर राज करना चाहता था उसके इरादों को पूरा न होने देने के लिए देवताओं युद्ध छेड़ दिया
ज्यादा कुछ न कर पाने की वजह से देवता चिंता में जाने लगे और उन्होंने इस बारे में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश को जाकर बताया
देवताओं की बातें सुन ब्रह्मा, विष्णु और महेश क्रोध की अग्नि में जलने लगे और थोड़ी ही देर में तीनों के मुँह से एक अग्नि प्रकट हुई
उस जलती ज्वाला से एक देवी का जन्म हुआ उनके तेज प्रकाश से हर जगह रौशनी छा गई जिसके बाद देवी को भगवान शंकर सहित सभी देवताओं ने अपने शस्त्र दिए
अब देवी के पास कई शक्तिशाली हथियार हो गए थे जिसके बाद उन्होंने महिषासुर को युद्ध के लिए चेतावनी दे डाली
महिषासुर देवी के इतने विशालकाय रूप से अचम्भित हो गया था वह समझ चुका था कि अब उसका अंत नजदीक है
उसने चुनौती को स्वीकारा और अपनी सेना को देवी पर आक्रमण करने के आदेश दिए कई अन्य राक्षसों और दानवों के दल भी युद्ध करने के लिए आगे आये
देवी ने बस एक ही बार में सभी दानवों का अंत कर दिया इसी युद्ध में देवी ने महिषासुर सहित कई भयंकर बड़े दानवों को खत्म कर दिया
जिसके बाद देवी को चंद्र्घटा के नाम से जाना गया देवी के इस कार्य से स्वर्गलोक में राक्षसों का आंतक खत्म हो गया था