By Ritika
Aug 22, 2024
रिलेशनशिप जितना जरूरी है उतना ही जरूरी उसे निभाना भी है। लेकिन आजकल लोग रिश्तों को लेकर इतने सीरियस नहीं होते हैं या कहें कि उनका रिश्ता लंबा नहीं चलता है
Source-Pexels
वहीं कई लोग आज के समय में टॉक्सिक रिलेशनशिप, सिचुएशनशिप और डेटिंग ऐप्स के चक्कर में पड़े रहते हैं। जिससे वह अपनी मेंटल हेल्थ को भी प्रभावित करते हैं
बॉयसोबर एक कॉमन शब्द है, जो लड़के और लड़की दोनों के लिए ही होता है। इसमें आप टॉक्सिक रिलेशनशिप के साथ जीना छोड़ देते हैं, खुद को निखारने में समय लगाते हैं
आसान भाषा में कहें तो बॉयसोबर प्रैक्टिस का मतलब है कि आप दूसरों से प्यार की अपेक्षा करना बंद कर दें और सेल्फ लव या सेल्फ लव की ओर बढ़ें
बता दें ये प्रैक्टिस फिलहाल यूरोप और अमेरिका में ज्यादा की जा रही है, लेकिन भारतीय युवा भी अब इसे अपना रहे हैं। खासतौर से वो युवा जो शहरों में रहकर नौकरी कर रहे हैं
एक रिपोर्ट के मुताबकि, बॉयसोबर के रूल्स है कि आप टॉक्सिक रिलेशनशिप को एक्सेप्ट नहीं करेंगे, किसी सिचुएशनशिप में भी नहीं फंसेंगे और ना ही किसी डेटिंग ऐप के चक्कर में पड़ेंगे