By- Khushboo Sharma
Oct 06, 2024
किसी रिश्ते में आपका दिमाग आपका सबसे बड़ा दुश्मन हो सकता है। यहां तक कि अगर आप खुद को बचाने के लिए किसी रिश्ते के बारे में बहुत ज्यादा सोच रहे हैं, तो जुनून नियंत्रण से बाहर हो सकता है और आपके मेन्टल हेल्थ के लिए अच्छे से अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन आपके मन को शांत करना बहुत जरुरी है
अपने विचारों को स्वीकार किए बिना हम उन्हें चुनौती नहीं दे पाएंगे। हमें Overthinking ना करते हुए अपने प्रति दयालु होना चाहिए
कभी-कभी, बिना आपको एहसास हुए भी आपको ज़्यादा सोचने की आदत पड़ सकती है। अपने अत्यधिक सोचने के कारण का पता लगाने के लिए ध्यान भटकाने वाली बातों से दूर कुछ समय निकालें
ज़्यादा सोचने वालों को अपने साथी पर भरोसा करने में मुश्किलें हो सकती है क्योंकि वे अपने पास्ट का अंदाजा फ्यूचर में लगाते हैं। लेकिन सिर्फ इसलिए कि आपके साथ पास्ट में अगर कुछ बुरा हुआ है तो फ्यूचर में भी आपके साथ ऐसा ही होगा ये जरुरी नहीं। यदि आपके साथी ने खुद को आपके भरोसे के लायक दिखाया है, तो उन्हें ट्रस्ट करने की कोशिश करें
जब भी आप परेशान महसूस करें तो अपने साथी से अपनी परिशानियों और डर के बारे में बात करें। एक अच्छे श्रोता बनें और उनके पॉइंट ऑफ़ व्यू को समझने की कोशिश करें। बात करने से आपको इमोशनली सेफ फील करने में मदद मिल सकती है
ज्यादा सोचना अक्सर उन चिंताओं से आता है जो जरूरी नहीं कि असलियत से जुड़ी हों। इसलिए, जब आपको लगे कि आपका मन कुछ ज्यादा सोचने लगा है तो अपने आप को वर्तमान में वापस लाने की कोशिश करें
जर्नलिंग करने की कोशिश करें, या अपने पार्टनर को एक पत्र लिखने की कोशिश करें, जो कि आप करते नहीं है
आपके रिश्ते में होने वाली सभी पॉजिटिव बातों पर नज़र डालना असरदार और मददगार साबित हो सकता है। इसलिए, उन सभी चीजों की लिस्ट बनाएं जो अच्छी तरह से चल रही हैं और उन सभी चीजों की सूची बनाएं जिनके लिए आप अपने पार्टनर के आभारी हैं
अपने विचारों पर पसीना बहाओ। व्यायाम चिंता को कम करने और अपने दिमाग को साफ़ और केंद्रित रखने का एक सही तरीका है
ध्यान, स्किन की देखभाल, शौक पूरा करना जो भी सेल्फ केयर आपको लगता है, वो जरूर करें। अपने दिमाग को उन कामों में लगाने से जो आपको पसंद हैं, उन नेगेटिव थॉट की मात्रा कम हो सकती है
केवल आपमें ही अपने डर का सामना करने की हिम्मत है और अपने विचारों को अपनी भावनाओं पर कभी भी हावी न होने दें। एक बार जब आप अपनी चिंताओं को पहचानने में सक्षम हो जाएं, तो उन पर ईमानदारी से काम करें