By- Khushboo Sharma
Aug 18, 2024
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शिवरात्रि के दौरान यहां भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है वैसे मंदिर के कपाट बंद होने के बावजूद लोग बाहर से भगवान शिव के समक्ष माथा टेकते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं
कहते हैं कि इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया मुगल शासक से विवाद के चलते इसे बहुत पहले बंद कर दिया गया था साल 1974 तक इस मंदिर के कपाट बंद रहे थे, लेकिन एक मुहिम के बाद इसके कपाट खोले गए
तब से अभी तक इस मंदिर को शिवरात्रि के दिन कुछ घंटों के लिए खोला जाता है खास बात है कि ये मंदिर चर्चित टूरिस्ट डेस्टिनेशन रायसेन फोर्ट के नजदीक मौजूद है यहां आने वाले टूरिस्ट इस मंदिर को देखने के लिए भी पहुंचते हैं