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जिंदगी
की झलक दिखाती है
Gulzar
की ये
शायरियां
By Khushi Srivastava
July 07, 2024
उम्र ज़ाया कर दी लोगों ने, औरों में नुक्स निकालते-निकालते, इतना खुद को तराशा होता, तो फरिश्ते बन जाते
Source: Pexels and Google Images
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर, आदत इस की भी आदमी सी है
पूरे की ख्वाहिश में ये इंसान बहुत कुछ खोता है, भूल जाता है कि आधा चांद भी खूबसूरत होता है
ना राज़ है “ज़िन्दगी”, ना नाराज़ है “ज़िन्दगी”, बस जो है, वो आज है ज़िन्दगी
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी, जब अपनों से उम्मीदें कम हो गईं
Lala Lajpat Rai
के उच्च विचार
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