Health

Hormones को बैलेंस करते है ये Food Items

By- Khushboo Sharma 

July 30, 2024

लोगों के शरीर में हार्मोन्स के असंतुलित होने पर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आज की स्टोरी में आपको बताते है हार्मोन्स को बैलेंस करने वाले फूड्स के बारे में

एक्सपर्ट की राय शरीर के हार्मोन्स को संतुलित रखना बहुत जरूरी होता है। हार्मोन्स के असंतुलित होने पर लोगों को स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां हो सकती हैं

हाइपोथायरायडिज्म के लिए फूड्स हाइपोथायरायडिज्म की समस्या होने पर आयोडीन से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आलूबुखारा, समुद्री भोजन, आयोडीन युक्त नमक, सेलेनियम से भरपूर फूड्स जैसे ब्राजील नट्स, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, धनिये के बीज और कलौंजी को डाइट में शामिल किया जा सकता है

मेलाटोनिन हार्मोन के लिए फूड्स मेलाटोनिन नींद के लिए जरूरी हार्मोन है। इसको बैलेंस करने के लिए कैमोमाइल चाय, जायफल और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स को डाइट में शामिल किया जा सकता है। इससे नींद को बेहतर करने में मदद मिलती है

एस्ट्रोजन हार्मोन के लिए फूड्स एस्ट्रोजन हार्मोन के हाई होने पर आप ब्रोकली, गोभी, खट्टे फल, शकरकंद और मशरूम का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, एस्ट्रोजन हार्मोन के लो होने पर अलसी के बीज, तिल, छोले, सौंफ और ओट्स का सेवन किया जा सकता है

कोर्टिसोल हार्मोन के लिए फूड्स कोर्टिसोल हार्मोन स्ट्रेस को मैनेज करने में मदद करता है। ऐसे में कोर्टिसोल हार्मोन के हाई होने पर संतरे, अखरोट, बादाम, अलसी के बीज और चिया सीड्स का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, कोर्टिसोल के लो होने पर कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, ओट्स और हेजल नट्स का सेवन करें। इससे कोर्टिसोल बैलेंस होता है

टेस्टोस्टेरोन के लिए फूड्स टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बैलेंस करने के लिए आप डाइट में कुछ फूड्स को शामिल कर सकते हैं। ऐसे में हाई टेस्टोस्टेरोन होने पर केला, गोभी, अनार, किशमिश और शकरकंद और टेस्टोस्टेरोन के लो होने पर हरी पत्तेदार सब्जियां, बैरीज और मशरूम को डाइट में शामिल किया जा सकता है

प्रोजेस्टेरोन के लिए फूड्स प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के हाई होने पर केला, आलू, कद्दू के बीज, पालक और बादाम का सेवन करें। इसके अलावा, प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के लो होने पर कीवी, बेल पेपर, बादाम और सूरजमुखी के बीज को डाइट में शामिल किया जा सकता है। इससे प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बैलेंस होता है