एक सन्नाटा दबे-पाँव गया हो जैसे
दिल से इक खौफ सा गुजरा है बिछड़ जाने का
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ये दिल भी दोस्त जमीं की तरह
हो जाता है डाँवा-डोल कभी
गुलों को सुनना जरा तुम सदाएं भेजी हैं
गुलों के हाथ बहुत ही दुआएं भेजी है
सियाह रंग चमकती हुई कनारी है
पहन लो अच्छी लगेंगी घटाएं भेजी हैहो जाता है डाँवा-डोल कभी
एक परवाज दिखाई दी है
तेरी आवाज सुनाई दी हैजिंदगी पर भी कोई जोर नहीं
दिल ने हर चीज पराई दी है
दिन कुछ ऐसे गुजरता है कोई
जैसे एहसां उतारता है कोई
दिल में कुछ यूं संभालता हूं गम
जैसे जेवर संभालता है कोई
गुलों को सुनना जरा तुम सदाएं भेजी हैं
गुलों के हाथ बहुत ही दुआएं भेजी है
सियाह रंग चमकती हुई कनारी है
पहन लो अच्छी लगेंगी घटाएं भेजी है