Tech
By Saumya Singh
October 7, 2024
Source : Google
साइबर ठगी की घटनाएँ भारत में तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर विदेश से आने वाले फर्जी कॉल्स के माध्यम से
संचार मंत्रालय ने इस संकट को ध्यान में रखते हुए एक डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफार्म (डीआईपी) लांच किया है
जिसका उद्देश्य साइबर अपराधों को रोकना और वित्तीय धोखाधड़ी को खत्म करना है
साइबर अपराधियों ने अपनी साजिशों को अंजाम देने के लिए कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (सीएलआई) का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है
जिससे उनकी असली पहचान छिपी रह जाती है। इन ठगों द्वारा कस्टम, ड्रग्स और सेक्स रैकेट के नाम पर डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी देकर लोगों से पैसे ठगे जा रहे हैं
संचार मंत्रालय ने इस समस्या को सुलझाने के लिए एक केंद्रीकृत व्यवस्था विकसित करने की योजना बनाई है
ताकि विदेश से होने वाले इन फर्जी कॉल्स को पूरी तरह से विफल किया जा सके
अभी के हालातों में, रोजाना एक करोड़ से अधिक कॉल विदेश से किए जा रहे हैं, जिनमें से 45 लाख कॉल्स को टेलीकॉम कंपनियों की मदद से विफल किया जाता है
इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग पर रियल टाइम कार्रवाई की जा सकेगी
इससे संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान होने पर उन्हें तुरंत अलर्ट किया जा सकेगा