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पढ़िए Rahat Indori के शेर 

By Simran Sachdeva

July 20, 2024

उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो  धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है!

Source : Pexels

आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो  ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो! 

दोस्ती जब किसी से की जाए  दुश्मनों की भी राय ली जाए! 

हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे  कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते! 

घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया  घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है!

आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो  ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो! 

हम अपनी जान के दुश्मन को अपनी जान कहते हैं  मोहब्बत की इसी मिट्टी को हिंदुस्तान कहते हैं!