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दुश्मनी जम कर करो लेकिन…”पढ़िए बशीर बद्र की सुंदर शायरियां

By Khushi Srivastava

Sept 28, 2024

न जी भर के देखा न कुछ बात की, बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की

Source: Pinterest

ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं, पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है

बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना,  जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता

दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे,  जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों

मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला,  अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला

हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं,  उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में

इतनी मिलती है मिरी ग़ज़लों से सूरत तेरी,  लोग तुझ को मिरा महबूब समझते होंगे 

पत्थर मुझे कहता है मिरा चाहने वाला,  मैं मोम हूँ उस ने मुझे छू कर नहीं देखा