By Ritika
Aug 11, 2024
शिशु जब जन्म लेता है तो सबसे पहले वह स्पर्श सीखता है और इसी से माता-पिता और बाकी लोगों को पहचानता है
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यहां तक की उसकी फैमली ही स्कूल होती है, जहां वह किसी भी चीज पर प्रतिक्रिया देना, अपना कदम बढ़ाना, पहला शब्द बोलना जैसी चीजें सीखता है और व्यवहार भी देखते हैं
कई बार बच्चे इतने जिद्दी हो जाते हैं कि वह पेरेंट्स की कोई भी बात नहीं मानते हैं। ऐसे में जरूरी है कि माता-पिता बच्चों के सामने कुछ चीजों को न करें
घर में या पेरेंट्स के बीच अगर बच्चों के सामने कोई झगड़ा हो उनके ऊपर गहरा असर पड़ता है। यह चीज अगर अक्सर होने लगे तो बच्चे का स्वभाव भी जिद्दी और गुस्सैल हो सकता है
गलती से भी बच्चों के सामने झूठ न बोलें, क्योंकि वह आपसे सीखते हैं। इस तरह से बच्चा कई बार घर से ही सबसे पहले झूठ बोलना सीखता है
ज्यादातर बच्चे शरारती होते हैं, लेकिन ऐसे में उन्हें हर बात पर डांटना या फिर मारना उनके नेचर को जिद्दी बना सकता है और बच्चे कोई भी बात आपसे शेयर करने से बच सकते हैं
घर में जब बड़े पूरे दिन फोन में लगे रहते हैं तो बच्चे भी ये आदतें सीखते हैं। इसलिए कोशिश करें कि काम के अलावा बच्चों के सामने बैठकर फोन न चलाएं
क्योंकि कई बार माता-पिता बच्चों का मन बहलाने के लिए भी उन्हें फोन दे देते हैं। इससे बच्चे फोन एडिक्ट हो जाते हैं। लगातार फोन का यूज करना आपके बच्चे की मेंटल हेल्थ पर असर डाल सकता है