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“टिफ़िन रखती है मेरी माँ  तो...” पढ़िए माँ  पर बहतरीन शायरियां

By Khushi Srivastava

Oct 01, 2024

एक मुद्दत से मिरी माँ नहीं सोई 'ताबिश' मैं ने इक बार कहा था मुझे डर लगता है -अब्बास ताबिश

Source: Pinterest

घर लौट के रोएँगे माँ बाप अकेले में मिट्टी के खिलौने भी सस्ते न थे मेले में -कैसर-उल जाफ़री

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है -मुनव्वर राना

दुआ को हात उठाते हुए लरज़ता हूँ  कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए -इफ़्तिख़ार आरिफ़

माँ की दुआ न बाप की शफ़क़त का साया है आज अपने साथ अपना जनम दिन मनाया है -अंजुम सलीमी

माँ बाप और उस्ताद सब हैं ख़ुदा की रहमत  है रोक-टोक उन की हक़ में तुम्हारे ने'मत -अल्ताफ़ हुसैन हाली

तेरे दामन में सितारे हैं तो होंगे ऐ फ़लक  मुझ को अपनी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी -मुनव्वर राना

किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं  टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है -सिराज फ़ैसल ख़ान