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जान लें
चांदीपुरा वायरस
का इलाज
By Khushi Srivastava
July 24, 2024
चांदीपुरा वायरस की खोज साल 1965 में की गई थी
Source: Pexels
पहली बार चांदीपुरा वायरस नागपुर में पाया गया था
ये वायरस मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी की लार से फैलता है
चांदीपुरा वायरस सैंड फ्लाई और मच्छर के काटने से भी फैलता है
ये वायरस सबसे ज्यादा बच्चों को अपनी चपेट में लेता है
14 साल तक के बच्चों को इस वायरस का खतरा सबसे ज्यादा रहता है
कमजोरी, बेहोशी, उल्टी-दस्त और तेज बुखार इसके लक्षण हैं
इस वायरस का फिलहाल कोई एंटीवायरस ट्रीटमेंट नहीं है
मरीज के लक्षणों के हिसाब से इसका इलाज किया जाता है