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   सावन में क्यों निकाली जाती है कांवड़ यात्रा, जानें

By Deva Abhishek

July 20, 2024

सावन के महीने में हर साल कांवड़ यात्रा निकाली जाती है जिसमें शिव भक्त श्रद्धापूर्वक कंधे पर कांवड़ लिए चलते हैं

कांवड़ में गंगा नदी का पवित्र जल भरते हैं और फिर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है

कांवड़ यात्रा की पहली कथा  बताया जाता है कि भगवान परशुराम ने भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए गढ़मुक्तेश्वर से गंगाजल ले जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया था, तभी से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई थी

दूसरी कांवड़ यात्रा कथा  श्रवण कुमार ने अपने अंधे माता-पिता को कांवड़ में बिठाकर पैदल यात्रा की और उन्हें गंगा स्नान कराया वहां से अपने कांवड़ में गंगाजल भरकर लेकर आए. फिर भगवान शिव का अभिषेक किया। माना जाता है कि तब से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई थी

कुछ अन्य मान्यताओं के अनुसार, कांवड़ यात्रा को लंकापति रावण से भी जोड़ा गया है

कहा जाता है कि रावण भगवान शिव का परम भक्त था और समुद्र मंथन से निकलने वाले विष का पान करने से भगवान शिव का गला जलने लगा, तब   रावण ने कांवड़ से जल लाकर भगवान शिव का अभिषेक किया जिससे शिवजी को विष के प्रभाव से मुक्ति मिली