By Deva Abhishek
July 20, 2024
दूसरी कांवड़ यात्रा कथा श्रवण कुमार ने अपने अंधे माता-पिता को कांवड़ में बिठाकर पैदल यात्रा की और उन्हें गंगा स्नान कराया वहां से अपने कांवड़ में गंगाजल भरकर लेकर आए. फिर भगवान शिव का अभिषेक किया। माना जाता है कि तब से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई थी