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Janmashtami 2024: जन्माष्टमी की पूजा में खीरे का है विशेष महत्व, जानें कारण

By Ritika

Aug 24, 2024

जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है

Source-Pexels

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। इस बार जन्माष्टमी पर्व 26 अगस्त को मनाया जाएगा

इस दिन लड्डू गोपाल को विशेष तरीके से सजाया जाता है और उन्हें भोग भी अर्पित किए जाते हैं। जन्माष्टमी की पूजा में खीरा बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है

कहा जाता है कि इसके बिना यह पूजा अधूरी होती है। आइए इसके पीछे का कारण जानते हैं

दरअसल, जन्माष्टमी के दिन खीरे को श्री कृष्ण के अपनी मां देवकी से अलग होने के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है। कई जगहों पर जन्माष्टमी पर खीरा काटने की प्रक्रिया को नल छेदन के नाम से भी जाना जाता है

जिस प्रकार जन्म के समय गर्भनाल काटकर शिशुओं को गर्भ से अलग किया जाता है, उसी प्रकार श्री कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर खीरे के तने को काटकर कान्हा के जन्म कराने की परंपरा है

ऐसा माना जाता है कि श्री कृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ था। इसलिए जन्माष्टमी के मौके पर कान्हा की पूजा में हल्के डंठल और पत्तियों वाले खीरे का प्रयोग करें

जैसे ही घड़ी में 12 बजें, खीरे के तने को एक सिक्के से काटें और कान्हा का जन्म कराएं। इसके बाद शंख बजाकर बाल गोपाल के आगमन की खुशी मनाएं

इसके बाद बांके बिहारी की विधि-विधान से पूजा करें, उन्हें भोग लगाएं और परिवार के साथ मिलकर आरती करें