Social
By Khushi Srivastava
Aug 26, 2024
धर्म केवल कर्म से होता है कर्म के बिना धर्म की कोई परिभाषा ही नहीं है
Source: Pinterest
सत्य कभी नष्ट नहीं हो सकता
जो रास्ता ईश्वर ने आपके लिए खोला है उसे कभी भी कोई बंद नहीं कर सकता
निर्बलता अवश्य ईश्वर देता है परंतु मर्यादा मनुष्य का मन खुद निर्माण करता है
जब यह संसार ही स्थाई नहीं है, तो इस संसार की कोई वस्तु कैसे स्थाई हो सकती है?
आत्मा शरीर को वैसे ही छोड़ देती है, जैसे मनुष्य पुराने कपड़ों को उतार कर नए कपड़े धारण कर लेता है
जीवन में वाणी को संयम में रखना अनिवार्य है क्योंकि वाणी से दिए हुए घाव कभी भरे नहीं जा सकते
अगर व्यक्ति शिक्षा से पहले संस्कार, व्यापार से पहले व्यवहार और भगवान से पहले माता पिता को पहचान ले तो जिंदगी में कभी कोई कठिनाई नहीं आएगी
मनुष्य कितना भी गोरा क्यों ना हो परंतु उसकी परछाई सदैव काली होती है