By Ritika
Aug 20, 2024
बदलती लाइफस्टाइल के कारण लोगों के बीच तनाव और चिंता काफी देखी जा रही है। लेकिन इसका पीरियड्स पर कई तरह से असर पड़ सकता है
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आइए जानते हैं कि तनाव और चिंता का पीरियड्स पर कैसे असर पड़ता है
तनाव और चिंता मासिक धर्म को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे पीरियड्स के समय में बदलाव आ सकता है। यानी वह असामान्य रूप से जल्दी या देर से आ सकते हैं
तनाव और चिंता से मासिक धर्म के दर्द या क्रेंप्स बहुत ज्यादा हो सकते हैं। शरीर में तनाव हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है, जिससे दर्द और सूजन बढ़ सकती है
स्ट्रेस की वजह से मासिक धर्म की मात्रा भी बदल सकती है। कुछ महिलाओं को अधिक मात्रा में ब्लीडिंग हो सकती है, जबकि कुछ को कम मात्रा में
लंबे समय तक तनाव का सामना करने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो मासिक धर्म की नियमितता और प्रबंधन पर असर डाल सकता है
तनाव और चिंता पीरियड्स से पहले प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के लक्षणों को और बढ़ा सकते हैं, जैसे कि मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, और थकावट
इन प्रभावों को कम करने के लिए स्ट्रेस मैनेजमेंट की तकनीकों का यूज करना चाहिए, जैसे कि ध्यान, योग, नियमित व्यायाम, और अच्छी नींद