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By Khushi Srivastava
July 26, 2024
हम समझदार भी इतने हैं के उनका झूठ पकड़ लेते हैं और उनके दीवाने भी इतने के फिर भी यकीन कर लेते है
Source: Pexels and Google Images
दौलत नहीं शोहरत नहीं, न वाह चाहिए “कैसे हो?” बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए
कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है, कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता
जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है, मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है
सामने आए मेरे, देखा मुझे, बात भी की, मुस्कुराए भी, पुरानी किसी पहचान की ख़ातिर, कल का अख़बार था, बस देख लिया, रख भी दिया