Lifestyle
By Simran Sachdeva
August 30, 2024
Source: Pexels
सुनो कि अब हम गुलाब देंगे गुलाब लेंगे, मोहब्बतों में कोई ख़सारा नहीं चलेहै
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है - राहत इंदौरी
अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूं अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता तुम हो जाता हूं - अनवर शऊर
आप के बाद हर घड़ी हम ने आप के साथ ही गुज़ारी है - गुलज़ार
तुम को आता है प्यार पर ग़ुस्सा मुझ को ग़ुस्से पे प्यार आता है - अमीर मीनाई
ऐ दोस्त हम ने तर्क-ए-मोहब्बत के बावजूद महसूस की है तेरी ज़रूरत कभी कभी - नासिर काज़मी