Lifestyle
By Saumya Singh
Sep 11, 2024
Source : Google
भागदौड़ भरे जीवन में अपेक्षाएं और उपेक्षाएं हर आयु वर्ग के लोगों को डिप्रेशन की तरफ ले जा रही हैं
स्कूली बच्चों पर इसका प्रभाव अधिक देखने को मिल सकता है
कुछ लोग इससे निपटने के तरीके खोजते हैं, जबकि कुछ Suicide जैसे खतरनाक विचारों की ओर आकर्षित होते हैं
बता दें कि कंपैरिजन आज के समय में नेगेटिविटी की सबसे बड़ी वजह बन रहा है
चाहे वह पेरेंट्स द्वारा बच्चों की तुलना हो, टीचर्स द्वारा स्टूडेंट्स की, या वर्क प्लेस में एंप्लॉयर्स द्वारा कर्मचारियों की
जब कंपैरिजन हद से ज्यादा हो जाता है, तो यह व्यक्ति के आत्मसम्मान को चोट पहुँचाता है
ऐसे में कंपैरिजन व्यक्तियों को नकारात्मक विचारों की ओर धकेलता है
परिवार के सदस्यों के साथ मजबूत और खुले संबंध बनाने की आवश्यकता है
ताकि यदि किसी के मन में नकारात्मक विचार आ रहे हैं, तो वह बेझिझक अपने परिवार से बात कर सके
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