चाहे कोई भी राजनितिक पार्टी हो, सब आंबेडकर के खिलाफ विवाद से खुदको बचाकर रखते हैं
ऐसे देश में जहां महात्मा गाँधी के आलोचक भी मिल जाते हैं, वहां आंबेडकर की आलोचना से क्यों बचा जा रहा है ?
सबसे पहला और कड़वा सच तो यह है कि भारत में 20 करोड़ से अधिक दलित हैं और कोई भी पार्टी अपना वोट बैंक ख़राब नहीं करना चाहती
लेकिन भारत के लिए उनका क्या योगदान था ?
अंबेडकर ने संविधान निर्माण समिति के अध्यक्ष के रूप में संविधान का मसौदा तैयार किया, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व सुनिश्चित करके सामाजिक क्रांति लाना था
उनके सहयोग ने अछूतता को समाप्त किया, धर्म की स्वतंत्रता प्रदान की और पिछड़े वर्गों के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिया
अंबेडकर के विचारों ने भारतीय रिजर्व बैंक, भारत के केंद्रीय बैंक, की स्थापना में मदद की
अंबेडकर महिलाओं के अधिकारों के मजबूत समर्थक थे और उन्होंने हिंदू व्यक्तिगत कानूनों में सुधार करने के लिए काम किया, जो महिलाओं के खिलाफ भेदभाव करते थे।
उनके सुधारों ने 1976 के समान वेतन अधिनियम और 1961 के दहेज प्रतिबंधक अधिनियम पर प्रभाव डाला
अंबेडकर दलित मुक्ति आंदोलन के नेता थे, और उन्होंने भारत में समानता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए काम किया।
अंबेडकर एक प्रमुख लेखक थे, जिनके आर्थिक, कानूनी, धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर लिखे गए कार्य आज भी प्रभावी हैं
अंबेडकर का मानना था कि औद्योगिकीकरण और कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए भूमि का राष्ट्रीयकरण महत्वपूर्ण था