डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियमों के मसौदे का उद्देश्य नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के अधिकारों की रक्षा करना है।
ये नियम डिजिटल व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए एक मजबूत ढांचा बनाने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (डीपीडीपी अधिनियम) को क्रियान्वित करने का प्रयास करते हैं।
इन नियमों के मुताबिक संपूर्ण डेटा सुरक्षा ढांचा, नागरिकों को केंद्र में रखकर बनाया गया है।
भारत का मॉडल, व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए नवाचार को बढ़ावा देने और विनियमन के बीच एक अनोखा संतुलन बनाता है।
जीवनयापन और व्यवसाय करने में आसानी सुनिश्चित करने के लिए सहमति तंत्र, शिकायत निवारण और डेटा संरक्षण बोर्ड की कार्यप्रणाली, सभी को “बॉर्न डिजिटल” के रूप में परिकल्पित किया गया है।
व्यवसायों को व्यावहारिक ढांचे से लाभ मिलता है। श्रेणीबद्ध जिम्मेदारियाँ कम अनुपालन के दबाब वाले स्टार्टअप और एमएसएमई को सेवाएं देती हैं,
मसौदा नियम विभिन्न हितधारकों से एकत्रित व्यापक इनपुट और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अध्ययन पर आधारित हैं।
नागरिक सहभागिता के महत्व को समझते हुए, सरकार एक व्यापक जागरूकता अभियान की योजना बना रही है।