नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 5वीं शताब्दी ई. में हुई थी
यह विश्वविद्यालय, भारत का सबसे पहला आवासीय विश्वविद्यालय था
नालंदा विश्वविद्यालय में छात्र और शिक्षक एक ही परिसर में रहा करते थे
यहां शिक्षा, रहना, और खाना निःशुल्क हुआ करता था
यहां छात्रों का चयन उनकी मेधा के आधार पर होता था
नालंदा विश्वविद्यालय में बौद्ध अध्ययन के साथ-साथ विज्ञान, चिकित्सा, तर्कशास्त्र, और गणित जैसे विषयों का भी अध्ययन होता था
यहां कोरिया, चीन, जापान, तिब्बत, इंडोनेशिया, आदि जैसे देशों से भी छात्र आते थे
मान्यता है कि आर्यभट्ट ने भी नालंदा में अध्ययन और अध्यापन किया था
नालंदा विश्वविद्यालय को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है
Tourist Places in Patna: बिहार की राजधानी में घूमने की बेहतरीन जगहें