सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित यह ज्योतिर्लिंग सबसे पुराना है। मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं चंद्रदेव ने की थी
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
आन्ध्रप्रदेश में स्थित यह ज्योतिर्लिंग कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर विराजमान हैं। मान्यता है कि जो भक्त इस मंदिर में आकर दर्शन और पूजन करता है उसे अश्वमेघ यज्ञ से मिलने वाले पुण्य के बराबर पुण्य मिलता है
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां भगवान शिव की दिन में 6 बार आरती की जाती है
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
मध्य प्रदेश में इंदौर के पास स्थित यह ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के तट पर स्थित हैं
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे के पास 110 किलोमीटर दूर सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जानते हैं
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित यह ज्योतिर्लिंग विश्वेश्वर के नाम से भी जाना जाता है
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित यह ज्योतिर्लिंग ब्रह्मगिरिनाम पर्वत के निकट है
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
झारखण्ड राज्य के संथाल परगना के पास स्थित यह ज्योतिर्लिंग भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां माता सती का हृदय गिरा था, इसलिए इसे हृदयपीठ भी कहा जाता है
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारिका क्षेत्र में स्थित है। जिन लोगों की कुंडली में सर्प दोष होता है उन्हें यहां धातुओं से बने नाग-नागिन अर्पित करते हैं
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित इस ज्योतिर्लिंग को स्वयं भगवान श्रीराम ने अपने हाथों से बनाया था
घृष्णेश्वर मन्दिर ज्योतिर्लिंग
महाराष्ट्र के दौलताबाद के पास स्थित यह ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से अंतिम ज्योतिर्लिंग है। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग भोलेनाथ की एक भक्त घुष्मा की भक्ति का प्रतीक माना जाता है
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