भारत में मकर संक्रांति पर्व जिसे श्रद्धालु बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाते हैं।
यह पर्व मुख्य रूप से सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ जुड़ा हुआ है, और इसे पूरे भारत में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है।
उत्तर भारत, पश्चिम भारत, और दक्षिण भारत में मकर संक्रांति के त्योहार का विशेष महत्व है। यह पर्व नए साल की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, यह दिन विशेष रूप से पुण्यफलदायक माना जाता है।
मान्यता है कि सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, जिससे दिन बड़ा होने लगता है और रात्रि छोटी होती है।
इस पर्व पर पवित्र नदियों में स्नान करने और दान करने का विशेष महत्व है, और लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना, गोदावरी और कावेरी जैसी नदियों में स्नान करने के लिए जाते हैं।
पश्चिम भारत में, खासकर गुजरात और महाराष्ट्र में मकर संक्रांति ‘उत्तरी हवा’ के साथ मनाई जाती है, जिसमें लोग पतंग उड़ाने की परंपरा का पालन करते हैं।
मकर संक्रांति न केवल एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह समाज में एकजुटता और सौहार्द का प्रतीक भी है।
मकर संक्रांति पर्व पर लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं, तिल और गुड़ के लड्डू बांटते है।
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