चुनावी राजनीति के कारण महिला लाभ योजनाओं की बाढ़, SBI ने दी है चेतावनी
कई राज्यों द्वारा प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की पेशकश करने वाली महिला केंद्रित योजनाओं की सुनामी है
यह चुनिंदा राज्यों के वित्त को नुकसान पहुंचा सकती है
आठ राज्यों में इन योजनाओं की कुल लागत अब 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है
जो इन राज्यों की राजस्व प्राप्तियों का 3-11 प्रतिशत है
कुछ राज्यों को राजकोषीय चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है
उदाहरण के लिए कर्नाटक की गृह लक्ष्मी योजना के लिए 28,608 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है
इसी तरह पश्चिम बंगाल की लक्ष्मी भंडार योजना, जिसकी लागत 14,400 करोड़ रुपये है
इस कारण केंद्र सरकार भी इसी तरह की नीतियों को अपनाने के लिए दबाव महसूस कर सकती है