गुग्गुलु शरीर में कई बीमारियोंं के प्रयोग किया जाता है। यहा पित्त और खांसी के लिए लाभकारी है।
बता दें कि दुनियाभर में पेड़-पौधों की कई ऐसी प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनका आयुर्वेद में एक अहम स्थान है।
गुग्गुल का इस्तेमाल आंख, कान और पेट के रोग के लिए भी किया जाता है।
गुग्गुल को आयुर्वेदिक दवा के रूप में भी जाना जाता है। यह गठिया के उपचार के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
गुग्गुल का वानस्पतिक नाम ‘कॉमीफोरा विग्टी’ है, जो भारत के अधिकतर शुष्क क्षेत्रों में पाया जाता है।
गुग्गुल से कई दवा और रोगों के लिए प्रयोग किया जाता है इसलिए यह एक बहुउपयोगी पौधा है। इसकी गोंद का इस्तेमाल एलोपैथी, यूनानी और आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है।
गोंद का प्रयोग दवाओं के साथ ही मोटापा दूर करने और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को स्थिर बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
गुग्गुल के लोबान का धुआं क्षय रोग में भी हितकारी पाया गया है।
गुग्गुल अल्सर, बदहजमी, पथरी, मुंहासे, बवासीर, खांसी, आंख संबंधी रोग दूर करने में लाभदायक है
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