इस मीनार को कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा 12वीं सदी में बनवाया गया था। इसका निर्माण आखिरी हिंदू साम्राज्य के अंत को चिह्नित करने के लिए किया गया था
कुतुब मीनार को 12वीं सदी का विक्ट्री टावर भी माना जाता है
कुतुब मीनार 73 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो इसे दुनिया की सबसे ऊंची ईंट मीनार बनाता है
यह मीनार दिल्ली के तीन शासकों द्वारा तीन चरणों में बनाया गया था
कुतुब-उद-दीन ऐबक ने कुतुब मीनार की पहली मंजिल बनवाई
शम्स-उद-दीन इल्तुतमिश ने इस मीनार की तीन से ज्यादा मंजिलों का निर्माण किया
अंत में फिरोज शाह तुगलक द्वारा इसकी आखिरी और पांचवीं मंजिल का निर्माण हुआ
कुतुब मीनार के अंदर 379 सीढ़ियां हैं हमें जो टॉप पर पहुंचती हैं
यह पहला भारतीय स्मारक है जो ई-टिकट की सुविधा प्रदान करता है