हवा महल को सन 1799 में राजपूत सवाई प्रताप सिंह द्वारा बनवाया गया था
महल में 953 झरोखे बनाए गए हैं ताकि प्राकृतिक हवा के प्रवाह को बनाया रखा जा सके
हवा महल को दो और नामों से बुलाया जाता है :‘हवाओं का महल’ या ‘खिड़कियों वाला महल’
बता दें हवा महल का कोई सीधा प्रवेश द्वार नहीं है
इस महल को शाही महिलाओं के लिए एक अलग महल के रूप में बनाया गया था
हवा महल बिना नींव वाली दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है
हवा महल का नाम इसकी 5वीं मंजिल से पड़ा है, जिसे हवा मंदिर कहा जाता था
हवा महल के निर्माण में लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग हुआ था
यह महल राजस्थानी के साथ-साथ मुगल वास्तुकला को भी दर्शाता है
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