इन दिनों फूड डिलवरी करने वाली कंपनियों की ऐप खूब जोरो-शोरों से चर्चा में है। क्योंकि अब हर दूसरा इंसान ऐप के जरिए खाना मंगवाना पसंद करते हैं। लेकिन बहुत बार ऐसा भी हो जाता है कि खाना पहुंचने के बाद स्वाद या फिर अन्य चीजों को लेकर कई सारे लोग शिकायतें भी कंपनी से करते हैं। लेकिन हाल ही में फूड डिलीवरी ऐप जोमाटो ने कुछ ऐसा कारनामा कर दिखाया जिसकी वजह से मामला सीधा गया उपभोक्ता फोरम जा पहुंचा। जिस वजह से जोमाटो को भारी भरकम जुर्माना भी चुकाना पड़ेगा।
ये घटना महाराष्ट्र के पुणे की है। जहां पर पुणे की एक कनज्यूमर फोरम ने जोमाटो पर पूरे 55 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया है। इस घटना पर फोरम ने जोमाटो को 45 दिनों के भीतर जुर्माना देने का आदेश दिया है। दरअसल हुआ कुछ यूं कि जोमाटो ने वेज ऑर्डर की जगह नॉन वेज आर्डर की डिलवरी कर दी थी। सूत्रों के अनुसार पुणे शहर के एक वकील शानमुख देशमुख को जोमाटो ने कोई एक बार नहीं बल्कि ये तब ऐसा हुआ जब उन्हें दूसरी बार वेज के बदले नॉन वेज फूड डिलवर किया है।
क्या था पूरा मामला ?
शानमुख देशमुख ने जोमटो से पनीर बटर मसाला ऑर्डर किया था। लेकिन इसके बदले में उन्हें बटर चिकन डिलवर कर दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार दरअसल उन्हें पनीर बटर मसाला और बटर चिकन की ग्रेवी में कुछ अंतर समझ नहीं आया और उन्होंने गलती से इसे टेस्ट कर लिया। जैसे ही उन्हें इस बात का पता लगा कि उन्हें वेज की जगह नॉन वेज दिया भेजा गया है। उन्होंने तुरंत जोमाटो को इस बात की शिकायत की और पैसे वापस करने के लिए बोला।
जोमाटो ने उपभोक्ता को बताया कि ये गलती होटल वालों की है क्योंकि होटल वालों ने गलत डिश पैक की थी और जोमटो ने सिर्फ खाने को डिलवर किया है। लेकिन फोरम ने दोनों की ही गलती बराबर बताई है। इसके बाद होटल ने अपनी गलती को तभी स्वीकार किया। वहीं खराब सर्विस देने के लिए जुर्माने में 50 हजार रुपये और 5 हजार रुपये मानसिक तकलीफ पहुंचाने के ऐवज में देशमुख को मिलेंगे।