नियमित रूप से सुबह-शाम पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा पूजा घर के वास्तु में गलती परिवार की सुख-शांति छीन लेती है। घर में गरीबी लाती है और तरक्की में रुकावटें लाती है। इसलिए पूजा घर के वास्तु को लेकर बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। वास्तु शास्त्र में पूजा घर की दिशा, रंग आदि के अलावा पूजा घर में रखी जाने वाली देवी-देवताओं की मूर्ति-तस्वीरों आदि तक के बारे में जरूरी नियम बताए हैं, जिनका पालन जरूर करना चाहिए।
रौद्र रूप वाली मूर्ति या तस्वीरें -घर के मंदिर या पूजा घर में कभी भी किसी भी देवी-देवता की रौद्र रूप वाली मूर्ति या तस्वीरें नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से घर में झगड़े-कलह बढ़ते हैं।
घर के मंदिर में ज्यादा बड़ी मूर्तियां न रखें। शिवपुराण के अनुसार मंदिर में हमारे अंगूठे के आकार से बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए।
अगर आप आरती कर रहे हैं तो दीपक में इतनी घी जरूर रखिए कि पूजा के बीच में दीपक नही बुझना चाहिए। ऐसा होने पर पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है।
पूजा घर में हमेशा भगवान को ताजे फूल ही चढ़ाने चाहिए। जमीन पर गिरे फूलों को पूजा घर में ना चढ़ाएं। कभी भी घर के मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्ति या चित्र ऐसे न रखें कि वे आमने-सामने हों, ऐसा होना अशुभ होता है। यह घर में झगड़ों का कारण बनती है।
इसके साथ सुबह और शाम घर में पूजा जरूरी करनी चाहिए। मंदिर में दीपक जलाएं। पूजन में घंटी बजाएं। घंटी की आवाज और दीपक की रोशनी से नकारात्मकता नष्ट होती है।