आप अपनी आंखों की रोशनी को इन 5 आदतों से 60 साल की उम्र के बाद भी रख पाएंगे बरकरार - Punjab Kesari
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आप अपनी आंखों की रोशनी को इन 5 आदतों से 60 साल की उम्र के बाद भी रख पाएंगे बरकरार

भागदौड़ भरी जिंदगी और हम सबकी दिनचर्या हाल ही के कुछ सालों में बहुत बदलाव आया है जिसका

भागदौड़ भरी जिंदगी और हम सबकी दिनचर्या हाल ही के कुछ सालों में बहुत बदलाव आया है जिसका हमारे स्वास्थ्य पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। आंखों की रोशनी पर हमारे खानपान और कमजोरी का असर होता है। इसी वजह से जहां पहले के समय में चश्मे की जरूरत बुजुर्गों को नहीं लगता था लेकिन आज के दौर में चश्मा बचपन से ही लोगों को लग जाता है। आज के समय में गंभीर विषय आंखों की रोशनी का कमजोर होना बन चुका है और इसके बारे में अब विचार करना बेहद जरूरी है। 
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हर साल 1 से 7 अप्रैल को आंखों की रोशनी के बारे में जागरूकता के उद्देश्य से ब्लाइंडनेस वीक के तौर पर मनाते हैं।आंखों की देखभाल और आंखों से जुड़ी बीमारियों से बचाव पर इस हफ्ते के दौरान पर ज्यादा जोर देते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि अच्छे से ख्याल अपनी आंखों का ध्यान रखें और नियमित रूप से इसकी जांच करवाते रहें ताकि आपके आंखों की रोशनी बुढ़ापे तक अच्छी रहे। कुछ जरूरी तरीकों के बारे में हम आपको आंखों कि देखभाल के लिए बताते हैं। 
खानपान पर ध्यान दें 

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किसी भी तरह की बीमारी इंसान को नहीं होती अगर उसका खानपान सही होता है। इंसान लंबे जीवन तक वह स्वस्थ पौष्टिक और संतुलित आहार के माध्यम से रह सकते हैं। विटामिन सी, विटामिन ई, ओमेगा- 3 फैटी एसिड,ल्यूटिन और जस्ता आंखों के स्वास्थ्य के लिए यह पोषक तत्व बहुत जरूरी होते हैं। आपको अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां,मछली,अंडे,घी,नट्स, दाल,बीन्स,संतरे और बाकी खट्टे फलों को शामिल करके इन पोषक तत्व आपके शरीर में जाएंगे।
दूरी धूम्रपान से 

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शरीर को कई तरह से नुकसान धूम्रपान यानी स्मोकिंग पहुंचाता है। आपके फेफडों के साथ आंखों की रोशनी पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। कई अध्ययनों में पता चला है की ड्राई आई, मेक्यूलर डिजनरेशन,डायबिटिक रेटिनोपैथी, आई सिंड्रोम और मोतियाबिंद जैसी समस्याएं धूम्रपान करने से हो सकती है। 
आंखों की रक्षा UV किरणों से 

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सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से आंखों को तेज धूप में बाहर निकलते वक्त बचाना होता है।  मैक्यूलर डिजनरेशन और मोतियाबिंद का खतरा इन हानिकारक किरणों के संपर्क में आने के बाद खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। खासकर गर्मी के मौसम में आपको यूवी प्रोटेक्टर चश्मे इन किरणों से बचने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।
ज्यादा न चलाएं लैपटॉप या फोन

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आंखों की रोशनी लैपटॉप या फोन पर ज्यादा समय रहने से कम हो जाती हैं। आपकी नजर धुंधली कंप्यूटर और मोबाइल की स्क्रीन बहुत देर तक देखने की वजह से हो सकती है। कई स्वास्थ्य समस्याएं जैसे सिरदर्द और कंधे में दर्द हो सकता है।अगर आप कंप्यूटर पर ज्यादा समय तक काम करते हैं तो उसके लिए आप स्क्रीन पर एंटी-ग्लेयर लगा लें। आपको कम से कम 15 मिनट का हर दो घंटे बाद ब्रेक जरूर लें। 

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