आखिर क्यों जज मौत की सजा सुनाने के बाद तोड़ देते हैं अपनी पेन की निब? - Punjab Kesari
Girl in a jacket

आखिर क्यों जज मौत की सजा सुनाने के बाद तोड़ देते हैं अपनी पेन की निब?

कई हिंदी फिल्मों में आपने देखा होगा या लोगों से कहते हुए सुना होगा कि जज किसी भी

कई हिंदी फिल्मों में आपने देखा होगा या लोगों से कहते हुए सुना होगा कि जज किसी भी अपराधी को जब फांसी की सजा सुनाते हैं तो वह उस पेन की निब को तोड़ते हैं जिससे उन्होंने अपराधी को फांसी की सजा सुनाई होती है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि जज ऐसा क्यों करते हैं और क्या होता है इसका मतलब? तो आइए आपको हम इसके बारे में बताते हैं।
1576576687 pen nib break
 
बता दें कि फांसी की सजा सुनाने के बाद पेन की निब तोड़ने की पंरपरा सिर्फ भारत देश में है। भारत के कानून में कहा गया है कि जज जब भी किसी अपराधी को फांसी की सजा सुनाएंगे तो वह अपने पेन की निब को तुरंत ही तोड़ देंगे। 
1576576721 judge break nib
भारत के कानून में मौत की सजा सबसे बड़ी है। यह सजा रेयर ऑफ रेयरेस्ट केस मतलब जघन्यतम अपराध करने के मामले में जज अपराधी को यह सजा सुनाते हैं। इसका प्रावधान भारत के कानून में दिया गया है। जघन्यतम अपराध की श्रेणी में जिस व्यक्ति का अपराध आता है उसकी को फांसी की सजा सुनाई जाती है। 
1576576742 death penalty
जज ऐसे ही किसी मामले में जब अपराधी को मौत की सजा सुनाते हैं तो वह पेन की निब आदेश देने के तुरंत बाद तोड़ देते हैं। ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि ऐसा अपराध दोबारा न कोई कर सके। ऐसा भी कहा जाता है कि जब किसी अपराधी को यह सजा सुनाई जाती है तो उसका जीवन खत्म हो जाता है। इसी वजह से पेन की निब को सजा सुनाने के बाद तोड़ी जाती है। इसका मतलब यह होता है कि पेन का भी जीवन खत्म हो गया और उसके बाद इस पेन से कुछ और भी लिखा नहीं जाएगा। 
1576576792 pen nib break by judge
भारत देश में किसी भी बड़े अपराध के लिए फांसी की सजा आखिरी सजा होती है। सुप्रीम कोर्ट के जज ने अगर किसी भी अपराधी को फांसी की सजा सुनाई है तो उस फैसले को कोई भी नहीं बदल सकता। 
1576576826 judge
वैसे तो इस केस में भी एक गुंजाइश बाकी होती है। अगर किसी को फांसी की सजा मिली है तो वह अपनी सजा की माफी की याचिका देश के राष्ट्रपति को भेज सकता है उसके बाद वही फैसला लेंगे कि उस अपराधी की मौत की सजा माफ करनी है या नहीं। राष्ट्रपति अपराधी काे माफी उसके विवेक के आधार पर भी दे सकते हैं। 
1576576858 judge break pen nib
यही वजह है कि मौत की सजा लिखने के बाद पेन की निब को तोड़ दिया जाता है। ऐसा माना गया है कि अगर सजा की मौत के फैसले के बाद पेन की निब टूट गई है तो उसके बाद जज के पास भी अधिकार नहीं है कि वह अपने फैसले को बदल सकें। पेन की निब टूटने के बाद फैसले पर दोबारा से किसी भी तरह से विचार नहीं होगा। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।