अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस साल 2014 से इस दिन को काफी खास रूप से मनाया जाता है। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण के दौरान प्रस्तावित किया गया था। इसके बाद 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। योग दिवस का समारोह 21 जून, 2015 को हुआ था। तब से यह आज के दिन सभी देशों में मानना शुरू हो गया। हर साल एक खास थीम पर इसका आयोजन होता है।
यह एक वैश्विक कार्यक्रम है जो योग के अभ्यास के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों को बढ़ावा देता है। इस दिन का उद्देश्य योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने के कई फायदों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और दुनिया भर के लोगों को इस प्राचीन अभ्यास को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
योग का इतिहास
योग एक प्राचीन प्रथा है जो लगभग 3000 ईसा पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता में उत्पन्न हुई थी और यह पीढ़ियों से चली आ रही है। इसकी जड़ें वेदों के नाम से जाने जाने वाले प्राचीन भारतीय शास्त्रों में देखी जा सकती हैं। योग शब्द संस्कृत शब्द युज से आया है, जिसका अर्थ है एकजुट होना या जुड़ना। यह शरीर, मन और आत्मा के मिलन को दर्शाता है। उपनिषदों और भगवद गीता के प्राचीन ग्रंथों में, योग को आत्म-साक्षात्कार और जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाने के साधन के रूप में वर्णित किया गया है।
आधुनिक योग
19वीं सदी के लास्ट में और 20वीं सदी की शुरुआत में योग को वेस्टन के देशों में पहुंच मिल गई थी। जिसका कारण भारतीय गुरुओं और शिक्षकों ने यात्रा करना और योग की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार करना शुरू कर दिया था। स्वामी विवेकानंद, परमहंस योगानंद और बी.के.एस. अयंगर उन प्रभावशाली शख्सियतों में से थे जिन्होंने पश्चिमी दुनिया में योग को पेश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की खास बाते
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस व्यक्तियों, समुदायों और संगठनों को एक साथ आने और योग द्वारा प्रदान किए जाने वाले अपार लाभों का जश्न मनाने के अवसर के रूप में कार्य करता है। इसका उद्देश्य योग की परिवर्तनकारी शक्ति और सभी उम्र और पृष्ठभूमि के लोगों पर सकारात्मक प्रभाव डालने की इसकी क्षमता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन, योग सत्र, कार्यशाला, सेमिनार और सांस्कृतिक प्रदर्शन सहित विश्व स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
साल 2023 की थीम
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 की इस साल की थीम ‘वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग’ रखी गई है। अआप्को बता दे वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ है, धरती ही परिवार है।