क्या है गांधी शांति पुरस्कार? गीता प्रेस को मिलने पर क्यों बढ़ा विवाद - Punjab Kesari
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क्या है गांधी शांति पुरस्कार? गीता प्रेस को मिलने पर क्यों बढ़ा विवाद

यह पुरस्कार अहिंसा और गांधीवादी के रास्तों पर चल कर सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में

राष्ट्रपिता महात्मा गांघी के आदर्शों पर चलने और उनके श्रद्धांजलि के रूप में दिए जाने वाले गांधी शांति पुरस्कार की शुरुआत भारत सरकार ने मोहनदास गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर 1995 में की थी। यह पुरस्कार अहिंसा और गांधीवादी के रास्तों पर चल कर सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में योगदान के लिए व्यक्तियों और संस्थानों को दिया जाता है। अब हाल ही में यह पुरस्कार गोरखपुर के गीता प्रेस को मिला है, लेकिन इसके साथ ही एक नए विवाद को जन्म दिया है। 
एक करोड़ रुपये लेने से किया इंकार 
2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार गोरखपुर में गीता प्रेस को प्रदान किया गया है जो इस वर्ष अपनी शताब्दी मना रहा है। दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक, गीता प्रेस, गोरखपुर ने सम्मान के लिए चुने जाने के विवाद के बीच 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार के लिए 1 करोड़ रुपये नकद पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है। प्रधान मंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने सर्वसम्मति से रविवार को पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में गीता प्रेस का चयन करने का निर्णय लिया।
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पीएम मोदी ने रविवार को ट्वीट किया, “मैं गीता प्रेस, गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार 2021 से सम्मानित किए जाने पर बधाई देता हूं। उन्होंने लोगों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन को आगे बढ़ाने की दिशा में पिछले 100 सालो में सराहनीय काम किया है।”

पर प्रकाशक ने आज कहा कि वह केवल प्रशस्ति पत्र स्वीकार करेगा, यह सुझाव देते हुए कि सरकार को नकद पुरस्कार राशि कहीं और खर्च करनी चाहिए। आपको बता दे पुरस्कार में एक पट्टिका और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला/हथकरघा वस्तु भी शामिल है। पर इस मामले ने तूल जब पकड़ा कांग्रेस ने गीता प्रेस को सम्मानित करने के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए इसे “उपद्रव” और “सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने जैसा” बताया। 

नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, “अक्षय मुकुल द्वारा इस संगठन की 2015 की एक बहुत अच्छी जीवनी है जिसमें उन्होंने महात्मा के साथ इसके तूफानी संबंधों और उनके राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चल रही लड़ाइयों का खुलासा किया है।” हाल के पुरस्कार विजेताओं में सुल्तान कबूस बिन सैद अल सैद, ओमान (2019) और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान (2020), बांग्लादेश शामिल हैं।

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