कुंडली के जिस भाव में कोई ग्रह नहीं होता है, उस पर किसी दूसरे ग्रह की दृष्टि नहीं पड़ती। इस कारण उसे सोया भाव कहा जाता है। इसके अलावा अगर कुंडली का नौवा भाव अगर सोया हुआ है तो ऐसे में व्यक्ति की किस्मत उसका साथ नहीं देती। उसके बने हुए काम बिगड़ जाते हैं। व्यक्ति के जीवन में कई अशुभ प्रभाव पड़ते हैं।
अगर आपकी भी किस्मत सोई हुई है और मेहनत करने के बाद भी उचित फल की प्राप्ति नहीं हो पा रही है, तो हम आपको कुछ उपाय बताने वाले हैं, जिनकी मदद से आपका सोया हुआ भाग्य जाग उठेगा।
मंदिर से लौटकर पैर धोना- कभी भी मंदिर से वापस आकर पैर नहीं धोने चाहिए।
शव यात्रा से आगे निकलना- रास्ते मं यदि कोई शव यात्रा दिखाई दे तो वही रुक के हाथ जोड़कर प्रार्थना करें और शव यात्रा को आगे जाने दें।
जवान व्यक्ति की मृत्यु का भोजन खाना-जो इंसान इस दुनिया में आया है उसका जाना भी तय है क्योंकि ये विधि का विधान है, इसको कोई नहीं बदल सकता।
वहीं जब कोई व्यक्ति दुनिया छोड़कर चला जाता है, तब के लिए भी कई नियम बनाए गए हैं जैसे कि जन्म के बाद होते हैं। इसमें अंतिम संस्कार क्रिया, श्राद्ध, तेरहवीं का भोज जैसी चीजें शामिल हैं। मृत्युभोज खाने वाले की ऊर्जा नष्ट हो जाती है।
पर्स में नोटों और सिक्कों को एक साथ रखना-कभी भी सिक्के और नोट को एक साथ नहीं रखना चाहिए। माना जाता है कि सिक्कों की आवाज से माता लक्ष्मी एक जगह नहीं रहतीं।
भगवान को पैकट और डब्बों का भोग लगाना-सनातन धर्म में भगवान की पूजा करते समय भगवान को नेवैद्य यानी भोग (भगवान का भोग) चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। भक्त अपने देवता को मनचाहा भोग लगाकर भगवान को प्रसन्न करते हैं। विशेष रूप से तीज-त्योहारों और घर में होने वाले शुभ कार्यक्रमों में भगवान को विशेष पकवानों का भोग लगाया जाता है। भगवान को हमेशा शुद्द और ताजा भोजन ही भोग लगाना चाहिए। पैकट और डब्बों को भोजन ताजा नहीं होता।