सोशल मीडिया पर 1993 की एक दहेज लिस्ट वायरल हो रही है, जिसमें सोफा सेट से लेकर तकिए तक का उल्लेख है। इस लिस्ट ने दहेज प्रथा पर फिर से बहस छेड़ दी है, जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा और भेदभाव का मुख्य कारण मानी जाती है। इस प्रथा से परिवारों पर आर्थिक दबाव भी पड़ता है।
देश में दहेज देना और लेना दोनों ही गैरकानूनी माना जाता है। लेकिन इसके बाद भी भारत में दहेज को लेकर आज भी पुरानी रीतियां चल रही हैं। आज भी लोग दहेज लेने से जरा भी नहीं हिचकिचाते। भारत में महिलाओं के खिलाफ चल रहा भेदभाव और हिंसा की मुख्य वजह हमेशा से ही दहेज की प्रथा रही है। यह प्रथा समाज में लालच को बढ़ावा देती है। इतना ही नहीं, इस प्रथा से परिवारों पर आर्थिक दबाव भी पड़ता है। कितने मामले तो ऐसे आते हैं जहां दहेज न देने या कम देने पर लड़की को ससुराल में प्रताड़ित भी किया जाता है। इस दौरान, इंटरनेट पर साल 1993 में बनाए गए दहेज की लिस्ट वायरल हो रही है। जिसने एक बार फिर से दहेज प्रथा पर चर्चाएं शुरु हो गई है। इस लिस्ट में सोफा सेट से लेकर चादर और तकिए तक सब कुछ लिखा गया है।
वायरल दहेज लिस्ट में शामिल है ये समान
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही लिस्ट साल 1993 की बताई जा रही है। टाइटल पढ़कर लग रहा कि यह इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर की बुआ की शादी के समय का है। चार पन्नों की इस लिस्ट में घर गृहस्थी की सारी चीजें लिखी गई हैं। यूजर ने दावा किया है कि आज से 30 साल पहले उसकी बुआ को शादी के समय यह सारा सामान दहेज में दिया गया था।लिस्ट में फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक के सामान, कपड़े, गहने और अन्य घरेलू सामान शामिल हैं।
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यहां देखें वायरल पोस्ट
Source: @silently_reading2 (reddit)
सोशल मीडिया पर वायरल इस पोस्ट को @silently_reading2 नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है। खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को लगभग 3 हजार लोगों ने लाइक किया है। साथ ही कमेंट बॉक्स में कमेंट का सिलसिला भी जारी है। एक यूजर ने लिखा, “इतना सामान तो मेरे घर में भी नहीं है”। दूसरे ने लिखा, “तुम्हारे फूफा के घर में कुछ नहीं था क्या?” वहीं एक अन्य ने लिखा, “भीक मांगने का सही तरीका”।