चांद दूर से देखने में काफी खूबसूरत है लेकिन पास से देखते ही चांद के ऊपर आपको कई सारे गड्ढे दिखाई देंगे हाल ही में इसरो ने chandrayaan-3 से जितने भी सेटेलाइट इमेज भेजी है उसमें भी आप देख सकते हैं कि चांद पर गड्ढे हैं लेकिन ऐसा क्यों? यह सवाल आपके जीवन में एक न एक बार जरूर आया होगा तो आज की खबर में हम इसको ही जानने वाले हैं तो बन रहे हमारे साथ।
पृथ्वी और चांद की उत्पत्ति
बताया जाता है पृथ्वी और चांद की उत्पत्ति एक साथ हुई थी और दोनों की अंतरिक्ष यात्रा साथ में शुरू हुई थी। बताया जाता है कि लगभग 450 करोड साल पहले दोनों ग्रहों का जन्म हुआ। चंद्रमा के पास अपनी कोई प्राकृतिक रोशनी नहीं है। उत्पत्ति के कई सालों बाद तक दोनों ग्रहों पर कई सारे उल्का पिंड गिरते रहे।
14 लाख से अधिक गड्ढें
उल्कापिंड के गिरने की वजह से चांद और पृथ्वी पर कई सारे गड्ढे हुए एक जानकारी के अनुसार चांद पर इन गड्ढों की संख्या लगभग 14 लाख से अधिक के वही पृथ्वी पर अभी तक मात्र 180 ऐसे गड्ढों की खोज ही की जा सकती है इनके विज्ञानिक नाम इम्पैक्ट क्रेटर हैं, जो चांद पर गड्ढे की मुख्य वजह बताए जाते हैं।
9137 गढ़ों की पहचान हुई
वैज्ञानिक जगत के आगे बढ़ने से बताया जा रहा है कि 14 लाख में से 9137 गढ़ों की पहचान भी कर ली गई है और साथ ही 1675 घंटे की उम्र के बारे मैं भी पता किया जा चुका है। अभी तक इंसानों ने चांद की जितनी भी तस्वीर देखी है उसमें उन सभी गढ़ों को कभी नहीं देखा जा सका है।
ज्वालामुखी विस्फोट से बने गड्ढे
क्योंकि चांद पर काफी अंधेरा है और सिर्फ वही हिस्सा जगमग आ रहता है जो कि सूर्य के सामने है। साथी यह भी बताया जाता है कि चांद पर बने जितने भी गड्ढे हैं वह सिर्फ उल्का पिंड के टकराने की वजह से नहीं बने हैं बल्कि ज्वालामुखी विस्फोट से भी बने हैं।
Big bang theory
आपको बता दें पृथ्वी की उत्पत्ति के पीछे big bang theory बताई जाती है और इस बिग बैंग थ्योरी सही चांद का भी संबंध बताया जाता है और यह समय एक ऐसा समय था जब अंतरिक्ष में कई सारे बदलाव हुए और कई नए नए ग्रहों ने जन्म ले लिया।
चांद भले ही कितनी खूबसूरत हो लेकिन उसके ऊपर गड्ढे जरूर है तो आज से पहले अगर आपसे कोई पूछे कि चांद की खूबसूरती का राज क्या है तो आप जरूर हमारे इस खबर के बारे में बताएं।