एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी चमकी बुखार की बीमारी इन दिनों बिहार में चल रही है। इस बीमारी के चलते बिहार में अब तक 135 बच्चाें की जाने जा चुकी हैं। बीते मंगलवार 18 जून को टीवी एंकर अंजना ओम कश्यप बिहार के हॉस्पिटल में रिपोर्टिंग करने गई थीं जिसके बाद से सोशल मीडिया पर उनकी बहुत आलोचना हो रही है। दरअसल आईसीयू वॉर्ड में अंजना ने जाकर लाइव कैमरे पर बच्चों की मौत के आंकड़े और उनके इलाज पर कई तीखे सवाल डॉक्टर से पूछे थे। इतना ही नहीं अंजना की हॉस्पिटल के मेडिकल स्टाफ से बहस भी हो गई थी।
बीते बुधवार को कश्यप ने सोशल मीडिया पर अपनी आलोचनाओं के बीच सफाई देते हुए ट्वीट में कहा कि हॉस्पिटल में अप्रबंधन और बेरुखी का सच सामने लाना बहुत जरुरी था। ऐसा है और रहेगा। अंजना ने अपने ट्वीट में लिखा, आईसीयू में आए बच्चों को अटेंडे करना जरूरी था, है, रहेगा। प्रोपोगेडा वाले आज 108 बच्चों की मौत भूल गए हैं। डॉक्टर के लिए मगरमच्छी सहानुभूति दिखाने वालों, हेकलिंग का प्रपोगैंडा बंद करिए, फिर याद दिला दूं- अब तक 108 बच्चों की मौत।
यहां देखें ट्विटर का पोस्टः https://twitter.com/anjanaomkashyap/status/1141221694255828992
वरिष्ठ पत्रकार मृणाल पांडे ने टीवी एंकर अंजना के इस ट्वीट पर तंज कसते हुए कहा, हे हेकलिंग की कली, हे अटेंडे/प्रोपोगैंडे की प्रथम लेडी, अब बस भी करीं। सचमुच के शोक से उपजी और शौकिया शौक देनेवाली पत्रकारिता में अंतर होता है।
यहां देखें ट्विटर का पोस्टः https://twitter.com/MrinalPande1/status/1141282246915219456
ट्विटर यूजर नीतीश यादव ने पांडे के इस ट्वीट पर लिखा, काश आप अंजना की सास होती, इसको राइट टाइम रखती हमेशा। वहीं एक यूजर नंनकिशोर ने लिखा, दादीजी की नजर से बचना नामुमकिन है।
अनिल वर्मा ने लिखा, मैडम इन्हें कुछ कहना भैंस के आगे बीन बजाने के समान हैं, क्योंकि इन्हें तो बस टीआरपी और सत्ता का सुख चाहिए, पत्रकारिता तो दूर की बात है, आपके जैसे महान, देशभक्त पत्रकार कि बात इन्हें कहा समझ में आएगी।
इसके साथ ही ऑल्ट न्यूज के संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने ट्वीट करते हुए लिखा, यह आजतक की साहसी पत्रकारिता है। हॉस्पिटल के अंदर नर्सों और डॉक्टरों पर गुस्सा करके उपद्रव पैदा करना। अगर वो इसके सौवें हिस्से के बराबर आक्रामकता से नेताओं से सवाल पूछे होते तो यह अपने आप में एक उपलब्धि होती।