धार्मिक शास्त्रों में कहा गया है कि समुद्र मंथन के दौरान धरती पर जो अमृत मिला था उसके प्रभाव से तुलसी जी उत्पन्न हुई। मुख्य रूप से तीन प्रकार की तुलसी होती हैं जैसे कृष्ण तुलसी, सफेद तुलसी तथा राम तुलसी। इन तीनों तुलसी में से सबसे प्रिय कृष्ण तुलसी मानी गई है। चलिए इसके महत्व के बारे में जानते हैं-
दीपक जलाने का महत्व तुलसी के सामने
दीपम शाम को तुलसी के पौधे के पास जलाना चाहिए। इससे सुख और समृद्िध घर में आती है। शास्त्रों में कहा गया है कि नकारात्मक ऊर्जा घर में तुलसी लगाने दूर होती है।
क्यों करते हैं तुलसी पूजन?
हिंदू धर्म में सुख और कल्याण के रूप में तुलसी पूजन को देखा गया है। स्कन्द पुराण में कहा गया है कि तुलसी का पौधा जिस घर में होता है वहां पर उसकी पूजा करते हैं और यमदूत कभी भी उस घर में नहीं आते हैं। शास्त्रों में कहा जाता है कि तुलसी के पत्तों के बिना भगवान कृष्ण के भोग में और सत्यनारायण की कथा का प्रसाद अधूरा होता है।
इस दिन तुलसी के पत्तों को भूल कर भी न तोड़ें
शास्त्रों में कहा गया है कि चंद्रग्रहण, एकादशी और रविवार के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। साथ ही तुलसी के पत्तों को सूर्यास्त के बाद भी नहीं तोड़ते हैं।
दर्शन कब करें
ऐसा कहा गया है कि सवा ग्राम सोने के दान का फल तुलसी के सुबह-सुबह दर्शन करने के लिए प्राप्त होता है। कल्याणकारिणी, धन पुत्र प्रदान करने वाली, पुण्यदायिनी तथा हरिभक्ति घर में तुलसी लगने से मुनष्य को इन सबकी प्राप्ति होती है।
ये हैं तुलसी सेवन के फायदेे
हर रोज तुलसी के पत्ते खाली पेट खाने चाहिए इससे सेहत अच्छी बनी रहती है। कई रोगों से खाली पेट तुलसी का सेवन करने बचाता है। साथ ही खाली पेट तुलसी का सेवन करने से शरीर में खून भी साफ होता है और बाल भी कम झड़ते हैं।