बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इसे वीरवार और गुरुवार भी कहा जाता है इस दिन को यानि बृहस्पति को भगवान को देवताओं का गुरु माना जाता है।इस दिन अगर इन मंत्रों का जाप किया जाए तो जीवन सुख-समृद्धि से पूर्ण और विघ्न-बाधाओं से दूर होता है।
कुंडली में किसी भी ग्रह की अशुभ स्थिति का दुष्प्रभाव भी जातकों को झेलना पड़ता है।कुंडली में अगर बृहस्पति की स्थिति कमजोर हो तो मांगलिक कार्यों में बहुत अड़चनें आने लगती हैं।गुरुवार को भगवान विष्णु और गुरु के मंत्रों का जाप करने से जीवन में सफलता, सुख, समृद्धि और संपत्ति मिलती है।
इसके अलावा व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से भी बहुत कष्ट झेलने पड़ते हैं।जिनका बृहस्पति कमजोर हो उन्हें गुरुवार का व्रत रखना चाहिए।इस दिन गुरुवार के दिन कुछ खास मंत्रों का जाप करना बहुत लाभकारी माना गया है। इससे बृहस्पति शांत होता है और व्यक्ति के सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में।
भगवान विष्णु की कृपा मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। वीरवार के दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति को पीले फूलों, अक्षत्, धूप, दीप, पीले वस्त्र, तुलसी के पत्ते, पंचामृत आदि से पूजन करना चाहिए। उसके बाद आसन पर बैठकर इस मंत्र ओम बृं बृहस्पतये नम: का कम से कम एक माला या 108 बार जाप करना चाहिए।
माना जाता है कि वीरवार के दिन प्रभु की सच्ची श्रद्धा और निष्ठा के साथ पूजा अर्चना की जाए तो जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही इस चमत्कारी मंत्र का जाप सच्चे मन से 108 बार करने से सफलता, सुख, समृद्धि और संपत्ति मिलती है।
भगवान विष्णु की पूजा करने से दांपत्य जीवन की समस्याओं का समाधान होता है।वैवाहिक जीवन सुखमय हो इसके लिए पति और पत्नी को साथ में व्रत और पूजा करना चाहिए। इनकी पूजा से शुभ विवाह या अन्य मांगलिक कार्यों का योग बनता है।यदि आप गुरु की पूजा करते हैं तो बृहस्पति मजबूत होगा, जिससे सफलता. यश, कीर्ति में वृद्धि होगी। गुरु के मजबूत होने से विवाह में होने वाली देरी या समस्याएं दूर होती हैं।