पत्तों और टहनियों से नहीं बल्कि घड़ियों से लदा हुआ है ये पेड़, आखिर क्या है मान्यता - Punjab Kesari
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पत्तों और टहनियों से नहीं बल्कि घड़ियों से लदा हुआ है ये पेड़, आखिर क्या है मान्यता

मध्यप्रदेश के उज्जैन में घड़ियों से सजा पेड़, रहस्य और मान्यता की दिलचस्प दास्तान

मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में कई सारे प्रसिद्ध हिंदू मंदिर हैं। उज्जैन में स्थित श्री महाकालेश्वर भारत में बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। यहां पर एक ऐसा मंदिर भी हैं जहां लोग चढ़ावे के रुप में घड़ियां चढ़ाते हैं। जी हां, सुनकर अजीब लगा होगा लेकिन यह सच है। इस मंदिर का नाम है घड़ी वाले बाबा सगस महाराज जी मंदिर है। यह मंदिर उज्जैन के गुराड़िया सांगा गांव के पास सड़क के किनारे स्थित है। मंदिर के पास से शिप्रा नदी बहती है। इस मंदिर में लगा हुआ एक पेड़ टहनियां और पत्तों से नहीं बल्कि घड़ियों से लदा हुआ है।

हजारों घड़ियों से लदा हुआ है ये पेड़

यहां पर मान्यता है कि जिन लोगों ने यहां आकर घड़ी बांधी हैं उसकी मनोकामना पूरी हुई है। कहा जाता है कि अगर आपका समय खराब चल रहा हो तो यहां घड़ी बांधने से अच्छा समय शुरु हो जाता है। दरअसल इस मंदिर के पास एक बड़ा सा पेड़ है। आपको जानकर यकीन नहीं होगा लेकिन इस पेड़ पर दो हजार से भी ज्यादा घड़ियां बंधी हुईं हैं। यहां जो लोग भी दर्शन को आते हैं वे इसी पेड़ में घड़ी बांधकर चले जाते हैं। बीते दो सालों में ही ये मंदिर काफी प्रसिद्ध हो गया है।

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रात में सुनाई देती हैं आवाजें

आज आलम यूं हैं कि मंदिर में लगे इस पेड़ पर घड़ी लटकाने के लिए जगह ही नहीं बची है। चूंकि इतनी सारी घड़ियां बंधी हुई है तो रात के सन्नाटे में टिक टिक की आवाजें भी सुनाई देती हैं। लोग इस पेड़ पर ब्रांडेड घड़ी लटका कर चले जाते हैं। हालांकि यह सिर्फ एक मान्यता है फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

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