कहते हैं हमारी धरती पर आज भी इतने राज़ दफन हैं कि जिनसे हम अबतक रूबरू नहीं हो पाए यूँ तो आज इंसान ने कई राज़ो का पता लगा लिया हैं लेकिन अब भी कई ऐसे हैं जो इंसानी आँखों से छिपे बैठे हैं। जो तभी सामने आएंगे जब प्रकृति ने उनका सही वक्त लिखा होगा। लेकिन आज तो हम आपके एक ऐसी खोज दिखाने जा रहे हैं जिसका खोजकर्ता कोई बड़ा वैज्ञानिक नहीं बल्कि मात्र 13 साल का एक बच्चा है।
न्यूज बेवसाइट ‘मिरर.को.यूके’ में छपी एक खबर के अनुसार, वहा के एक 13 साल के लड़के जिसका नाम बेन इवांस हैं उसने अपने पिता जेसन इवांस के साथ बिट्रेन के एक समुद्री तट पर इस दांत का पता लगाया हैं। इतना ही नहीं बल्कि यह तट प्रागैतिहासिक खोज के लिए लोकप्रसिद्ध है। यहां दांत खोजने से पहले उन्होंने नए जीवाश्मों की खोज में दो दिन बिताए थे जिसके बाद उनके हाथ अब ये बड़ी खोज लगी।
जिसके बाद खुद फॉसिल एक्सपर्ट ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा, “यह दांत मेगालोडन का था, दुनिया का सबसे बड़ा शार्क जिसकी लंबाई 18 मीटर थी, जो 36 लाख साल पहले विलुप्त हो गई थी. यह जान कर बेन पूरी तरह से शॉक्ड रह गया. उसका कहना है कि यह उसके लिए एक अद्भुत खोज है.”
ये हैं अबतक की मेरी सबसे अनोखी संपत्ति
अपनी ख़ुशी को ज़ाहीर करते हुए बेन इवांस ने कहा, “मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी. मैंने यूट्यूब पर लोगों को फ्लोरिडा जैसी जगहों पर इन्हें ढूंढते हुए देखा है, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इंग्लैंड में ऐसा कुछ मिलेगा. तीन बड़ी चट्टानें थीं, और मुझे वह दांत एक छोटे से छेद में मिला. मुझे इसे वहां से लेने के लिए छेद से रेंगना पड़ा. यह बस वहीं था, यह किसी भी चीज़ से ढका हुआ नहीं था. मुझे तुरंत पता चल गया कि यह मेगालोडन शार्क का दांत है. मैं इसे अब अपने जीवाश्म कलेक्शन पर रख रहा हूं. यह मेरी बेशकीमती संपत्ति है.”
मात्र छोटे से छेद द्वारा प्राप्त हुए ये खजाना
अब बात कि जाये की इवांस परिवार के हाथ ये खजाना लगा तो लगा कैसे इसे बताते हुए बेन इवांस ने एसेक्स [Essex] के ‘वॉल्टन-ऑन-द-नेज़’ बीच पर नेज़ टॉवर के नीचे एक छोटे से छेद से इस दांत को बाहर निकाला था जिसके बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि, “हम शुक्रवार शाम को बीच पर पहुंचे. इसके बाद शनिवार, रविवार और सोमवार को तीन मील पैदल चले. हम इस दांत को एसेक्स वाइल्डलाइफ ट्रस्ट के पास ले गए. उन्होंने एक तस्वीर ली और अनुमान लगाया कि यह लगभग दस मिलियन साल पुराना होगा.”