Uttarakhand में मौजूद इस झील में है ऐसा रहस्य कि हवा भी देती है इसके भूतिया होने का प्रमाण - Punjab Kesari
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Uttarakhand में मौजूद इस झील में है ऐसा रहस्य कि हवा भी देती है इसके भूतिया होने का प्रमाण

दुनिया में ऐसी कई भूतिया जगह है, जिनके भूतिया होने के पीछे की गुत्थी कोई भी नहीं सुलझा पाया है। यहां तक की देखा गया है कि इन डरावनी जगहों की वायु भी अपने भूतिया होने का प्रमाण देती है। भारत में भी ऐसी कई जगह है, जिन्हें भूतिया होने का दर्जा प्राप्त है। वहीं, राजस्थान में स्थित भानगढ़ किला अपनी रहस्य और इतिहास के कारण दुनिया के भूतिया जगह में शामिल है। हालांकि, भारत में ऐसी और भी कई डरावनी जगह है, जो दुनिया के मॉस्ट हॉन्टेड प्लेस में शामिल न होती हो लेकिन देश की सबसे भूतिया जगह मानी जाती है।

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‘कंकाल की झील’

आज हम आपको भारत के एक और सबसे भूतिया जगह के बारे में बताने वाले है, जो दूर से देखने पर तो आपको काफी सुंदर दिखेगी लेकिन जब आप इसके पास जाकर देखेंगे तो आपकी रूंह कांप जाएगी। यह प्लेस उत्तराखंड के रूपकुंड में ‘कंकाल की झील’ के नाम से स्थित है। ऐसे में आप सोच रहे होंगे की इस झील को कंकाल झील क्यों कहा जाता है, तो बता दें कि जब कोई व्यक्ति झील के अंदर झांककर देखता है, तो उसकी रूह कांप जाती है, क्योंकि अंदर सैकड़ों कंकाल नजर आते हैं।

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गर्मी में दिखते है कंकाल

ये रूपकुंड झील समुद्र तल से करीब 16,500 फीट की ऊंचाई पर है। ये त्रिशुल पर्वत के निचले भाग पर, उत्तराखंड में मौजूद है। ये झील सालभर जमी रहती है लेकिन गर्मी के मौसम में पिघलती है और उस हिसाब से छोटी या बड़ी होती है। वहीं, ठंड में जब झील में बर्फ जमी रहती है तो वहां बर्फ के अलावा कुछ नहीं दिखता है लेकिन जब गर्मी के दिनों में बर्फ पिघलती है तो अंदर के कंकाल नजर आते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस झील में 100-200 नहीं बल्कि 600-800 कंकाल मौजूद है। मालूम हो, बर्फ में दबे रहने की वजह से उनमें से कुछ कंकालों पर मांस भी मौजूद है और इसी कारण सरकार भी इस झील के पूरे सच को न जानते हुए इसे रहस्यम घोषित कर चुकी हैं।

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1000 साल पुराने है कंकाल

आपको बताते चले कि ‘कंकाल की झील’ से जुड़ी कहानियां प्रचलित है। लेकिन वह कितनी सच है, ये कोई नहीं जानता है। वहीं, इस झील से जुड़ी गुत्थी को सुलझाने कि कोशिश करते हुए 2004 में वैज्ञानिकों ने कार्बन डेटिंग के जरिए पता लगाया कि ये हड्डियां 1000 साल से भी ज्यादा पुराने वक्त के लोगों की हैं। कुछ हड्डियां लगभग 100 साल पुरानी हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि ये सारी हड्डियां और कंकाल जिन लोगों के हैं, वो एक ही समय में नहीं मरे, बल्कि अलग-अलग वक्त पर मरे थे।

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Eadaoin Harney एक वैज्ञानिक हैं जिन्होंने इस झील से जुड़ी बड़ी बात बताई है। उनका मानना है कि ये मौतें किसी एक हादसे से नहीं, बल्कि अलग-अलग हादसों से हुई होंगी। बहुत से लोगों का तो ये भी दावा है कि भारत-चीन जंग के दौरान मारे गए चीनी सैनिकों के ये कंकाल हैं, पर इस झील का रहस्य क्या है, ये कोई नहीं जानता!

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