आपको संजय दत्त और अरशद वारसी की फिल्म ‘मुन्ना भाई एसबीबीएस’ तो याद ही होगी. कि कैसे दोनों की जोड़ी एक धमाल बेमिसाल थी इस फिल्म में मुन्ना भाई, यानी संजय दत्त हर किसी को ‘जादू की झप्पी’ देते चलते हैं. उनका मानना रहता है कि ये गले लगाने से लोगों की तकलीफें कम हो जाती हैं और वो बेहतर मेहसूस करने लगते हैं. वैसे ये गलत नहीं है. हकीकत में गले लगाना, सकारात्मक और ऊर्जावान मेहसूस करने का एक बेहतर उपाय है. पर हाल ही में एक महिला चीन (Chinese woman hug tree) में चर्चित हो रही है, जो मुन्ना भाई की ही तरह गले लगाती जा रही है. पर वो इंसानों को नहीं, पेड़ों को गले लगा रही है.
ऑडिटी सेंट्रल न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार चीन के शंघाई (Shanghai, Cshina) की रहने वाली Qishishiqi नाम की महिला ने पहली बार बीते अप्रैल में एक पेड़ को गले लगाया था जब वो अपने पति के साथ कहीं बाहर जा रही थी. महिला को थोड़ी बेचैनी महसूस हो रही थी पर शंघाई की एक खाली सड़क पर जब उसने एक पेड़ को गले (Tree Hugging therapy) लगा लिया तो उसे तुरंत सकारात्मक प्रभाव महसूस होने लगा.
पेड़ को दी जादू की झप्पी!
महिला ने बताया कि काम से संबंधित तनाव के कारण वो काफी चिंतित थी. उसके कान में घंटियों जैसी आवाज बजती रहती थी. पर जब उसने मोटे पेड़ के तने को गले लगाया तो वो ‘जादुई रूप से गायब’ हो गया. इस पहले अनुभव ने उसे न केवल अन्य पेड़ों को गले लगाने के लिए पेड़ों की तलाश करने को प्रेरित किया, बल्कि अपनी कहानी भी साझा करने के लिए प्रेरित किया जिससे वो दूसरों को बता सके कि पेड़ों को गले लगाने से इंसान चिंता मुक्त हो सकता है.
महिला में शेयर किया अपना एक्सपीरियन्स
इंस्टाग्राम के चीनी संस्करण, ज़ियाओशोमग्शु पर एक वायरल पोस्ट में, क़िशिशिकी ने कहा कि शंघाई के पास एक पार्क में उसने एक हजार साल पुराने पेड़ को गले लगाने के बाद काफी अच्छा महसूस किया था और वो ठीक हो गई. उसने कहा कि उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे पेड़ भी उसे गले लगा रहा था. इस प्रकार पेड़ ने उसे उन बोझ से मुक्त कर दिया, जो उसके सिर पर भार बने हुए थे.
महिला ने कहा कि जब वो इंसानों को गले लगाती है, तब उसे वैसा एहसास नहीं होता, जैसा पेड़ को लगाने से हुआ. अब वो अक्सर अन्य पेड़ों को भी गले लगाती है. क़िशिशिकी ने यह स्पष्ट किया कि वह वास्तविक चिकित्सा को ट्री-हगिंग से बदलने की सलाह नहीं देती हैं, लेकिन चीनी पारंपरिक चिकित्सा के समर्थकों का दावा है कि पेड़ों को गले लगाना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है.