यह मादा भालू जेल में बंद है 730 कैदियों के साथ, उम्रकैद की सजा काट रही है - Punjab Kesari
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यह मादा भालू जेल में बंद है 730 कैदियों के साथ, उम्रकैद की सजा काट रही है

कजाखस्तान की कोस्टनी जेल में 730 कैदी हैं और उनमें से ज्यादातर कैदियों ने गंभीर अपराध किए हैं

कजाखस्तान की कोस्टनी जेल में 730 कैदी हैं और उनमें से ज्यादातर कैदियों ने गंभीर अपराध किए हैं जिसकी वजह से वह अपनी सजा भुगत रहे हैं। इस जेल में 729 इंसानों के साथ एक कैदी है जिसका नाम कैट्या है। कैट्या एक मादा भालू है और इसकी उम्र 36 साल की है।

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बता दें कि उम्रकैद की सजा कैट्या को सुनाई है। कजाखस्तान में ज्यादातर अपराधियों को 25 साल तक की कैद की सजा सुनाई जाती है लेकिन कैट्या को उम्रकैद की सजा दी गई और वह इसी जेेल में हमेशा रहेगी।

कैट्या को किस बात की सजा मिल रही है?

अब आप सबके मन में यही सवाल आ रहा है कि आखिर इस भालू ने ऐसा कौन सा गुनाह किया था जो इसे जेल में बंद कर दिया गया है। बता दें कि 2004 में कैट्या को जेल की सजा मिली थी। कैट्या को जेल में बंद करने के लिए विशेष रूप से लोहे का पिंजरा बनवाया गया था। दो इंसानों पर हमला करने के लिए कैट्या को जेल की सजा मिली है।

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कैट्या ने हमला किया था 11 साल के बच्चे पर

कैट्या को छोटी सी उम्र में उसके बिरादरी वालों ने सर्कस वालों ने बाहर कर दिया था। उसके बाद कैट्या को कैंपिंग साइट ने पिंजरे में रख दिया था। वहां पर जितने भी लोग आते थे वह कैट्या को देखते थे और उसे खाने के लिए कई सारे फल भी देते थे। कैट्या आकर्षण का केंद्र बन गया था।

 

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कैट्या ने 15 साल पहले एक 11 साल के बच्चे पर हमला कर दिया था। उस समय किक बॉक्सिंग टूर्नामेंट हो रहा था और उसी समय एक बच्चा उसके पास आया और उसे खिलाने लगा। कैट्या ने उस बच्चे की टांगे पकड़ ली और अपनी तरफ खींच लिया जिसके बाद बच्चा बुरी तरह से घायल हो गया था।

अंधेरा छा गया था मेरी आंखों के आगे

उस बच्चे ने कजाख मीडिया से बात करते हुए कहा था, मैं उसे खाना देने गया था। उसने पिंजरे के अंदर से ही मेरा पैर खींच लिया। इसके बाद मुझे कुछ याद नहीं, मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया था।

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विक्टर शराब के नशे में गए थे हाथ मिलाने

कैट्या ने उसी साल 28 साल के विक्टर पर भी हमला कर दिया था। उस समय विक्टर शराब केनशे में थे और वह कैट्या से हाथ मिलाने चले गए थे। अधिकारियों ने इन दोनों घटनाओं के बाद यह निर्णय लिया कि वहां से अब कैट्या को हटा दिया जाएगा। लेकिन कैट्या को कोई भी चिडिय़ाघर रखना नहीं चाहता था। जिसके बाद कैट्या को उम्रकैद के तौर पर जेल में बंद कर देना ज्यादा ठीक समझा गया।

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कैट्या बन जेल की पहचान बन गई है

UK-161/2 की जेल में कैट्या पिछले 15 साल से बंद है। कैट्या अब तो पूरे जेल की पहचान बन गई है। जेल के कैदियों के रिश्तेदार जब मिलने आते हैं वह कैट्या से भी मिलते हैं। सारे लोग कैट्या को खाने के लिए सेब, मिठाई और कुकीज देते हैं। अब चाहे जेल ही सही कैट्या ने जेल में खुश रखना सबको सीख लिया है। जिस बड़े पिंजरे में कैट्या को रखा गया है उसका एक हिस्सा पानी के पूल में जाकर खुलता है।

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कहीं नहीं जाने देंगे हम उसे

प्रशासन को कैट्या के खाने पीने पर भी ज्यादा कुछ खर्च नहीं करना पड़ता है क्योंकि वह कैदियों का बचा हुआ खाना खा लेता है। UK-161/2 में एजुकेशनल वर्क के डिप्टी चीफ अजमत इस बारे में कहते हैं, कैट्या हमारी पीनल कॉलनी की पहचान है। हम सभी उसके और वह हमारा हिस्‍सा बन गई है। हम उसे अब कहीं नहीं जाने देंगे।

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