प्रकृति में अनेक तरीके के पशु-पक्षी मौजूद है। जो अपने आप में ही अनोखे हैं, उनमें कुछ ना कुछ ऐसी खासियत है जो उन्हें बाकियों से खास बनाती है। भारत में पक्षियों की 1300 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। इसमें से केवल 42 प्रजातियां ही भारत में मिलती हैं। वहीं, 26 दुर्लभ प्रकार की प्रजातियां हैं, जिन्हें बहुत कम देख जाता है।
आज हम आपको एक ऐसे अद्भुत पक्षी के बारे में बताने जा रहे हैं कि जो कभी पेड़ों पर नहीं बैठता है। जी हां, ये पक्षी उड़ान भर सकता है और चल भी सकता है, लेकिन वो कभी पेड़ों पर नहीं बैठता है। इतना ही नहीं ये खास पक्षी अपना घोंसला तक खेतों और झाड़ियों में बनाता है। चलिए आपको बताते है कि ये पक्षी किस प्रजाति का है और कहां पाया जाता है।
दुनिया के ज्यादातर पक्षी पेड़ों पर घोंसला बनाते हैं या फिर ऊंचाई पर रहना पसंद करते हैं परंतु टिटहरी एक ऐसा पक्षी है जो हमेशा जमीन पर रहता है। कभी किसी पेड़ पर अथवा बिजली के तार पर नहीं बैठता। ये पक्षी मुख्य रूप से एशिया में पाया जाता है। साथ ही इसे आसानी से झील या नदी के किनारे या फिर मैदानों में देखा जा सकता है। आम भाषा में इस पक्षी को टिटोनी या टिटिहरी के नाम से पुकारा जाता है।
दरअसल, टिटिहरी के पंजों में 3 उंगली आगे की तरफ होती है। पीछे कोई उंगली नहीं होती। जिसके कारण किसी भी पेड़ की टहनी पर ये अपनी ग्रिप नहीं बना पाता है। इस वजह से ये कभी पेड़ों पर नहीं बैठता है और घास के मैदानों या खेतों में अपना घोंसला बनाना पसंद करता है। हलांकि, जमीन पर घोंसला बनने से कई बार सांप और अन्य जीव इसके अंडे को खा जाते हैं।
कहा जाता है कि टिटहरी पक्षी मौसम की भविष्यवाणी करता है। यह पक्षी गर्मी के मौसम में अंडे देता है। कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है लेकिन मान्यता है कि यदि यह पक्षी किसी ऊंचे टीले पर अंडे देता है तो वर्षा अच्छी होती है। यदि जमीन पर अंडे देता है तो बारिश थोड़ी कम होती है और यदि किसी गड्ढे में अंडे देता है तो इसका संकेत होता है कि उसे इलाके में सूखा पड़ने वाला है।
इसकी लंबाई 30 से 35 सेंटीमीटर होती है। वहीं, इसका वजन 200 से 250 ग्राम तक होता है। इसका रंग धूसर भूरा होता है और स्वाभाव में ये शांत होता है। हालांकि, बाकि पक्षियों और जानवरों की तरह ये भी अपने अंडों की रक्षा के दौरान आक्रमक भी हो जाता है। इसकी आवाज काफी तेज होती है।