अगर आप भी मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं तो अपनाएं आयुर्वेद के ये चार अचूक तरीके - Punjab Kesari
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अगर आप भी मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं तो अपनाएं आयुर्वेद के ये चार अचूक तरीके

मानसिक तनाव से हर कोई दूर रहना पसंद करता है। कोई नहीं चाहता उसे मानसिक तनाव की समस्या

मानसिक तनाव से हर कोई दूर रहना पसंद करता है। कोई नहीं चाहता उसे मानसिक तनाव की समस्या हो। लेकिन कई ऐसे लोग हैं जो अपने आपको पूरे दिन कुछ भी सोचकर परेशान कर लेते हैं। अगर किसी भी विषय पर आप जरूरत से ज्यादा सोचते हैं तो उससे आपका स्वास्‍थ्य खराब हो जाता है। जिसकी वजह से आपको अवसाद हो सकता है। 
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शरीर के वात दोष से चिंता होती है। ये दोष ज्यादा काम, अनियतित आहार और ठंडे वातावरण की वजह से बिगड़ना शुरु हो जाता है। किसी भी काम में व्यक्ति का मन चिंता की वजह से नहीं लगता है और नींद भी कम आने लगती है। चलिए आपको मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाने के आयुर्वेदिक तरीके हम आपको बताएंगे।
स्नान करें गुनगुने पानी से

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व्यक्ति का मन ज्यादा चिंता करने से अशांत हो जाता है। ऐसे में व्यक्ति अगर गुनगुने पानी से नहा लेता है तो बहुत राहत मिलती है। गर्म पानी में आप एक तिहाई कप पिसी हुई अदरक और बेकिंग सोडा मिला लें। इन दोनों चीजों को अपने पानी में 10 से 15 मिनट तक भीगने दें। उसके बाद आप इस पानी से नहा लें। ऐसा करने से आपको बहुत राहत मिलेगी। मन में कई सारी बातें और चिंता ऐसा करने से कम हो जाएगी। 
बादाम का दूध

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रात में 10 से 12 बादाम भिगो दें। बादाम का छिलका अगले दिन उतार कर उसे पिस लें। बाद में पिसे हुए बादामों को गर्म दूध में दूसरे मेवों के साथ मिला लें। इस दूध में आप अदरक और केसर भी मिला दें उसके बाद इसका सेवन कर लें। यह पीने से आपको दिमाग शांत होगा और चिंता भी कम होंगी। इस दूध को आप रोज पी सकते हैं। इससे वात दोष कम होता है। 
सुगंध चिकित्सा

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अक्सर देखा गया है कि व्यक्ति के मन पर अच्छी खुशबू अच्छा प्रभाव डालती है। इससे व्यक्ति हल्का महसूस करता है। वात दोष पर कुछ सुगंधों का असर अच्छा होता है। वात दोष को यह सुगंधें कम करने में सहायक होती हैं। तुलसी, नारंगी, लौंग और लैवेंडर का तेल आप अपने नहाने के पानी में मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इतना ही नहीं इस सुगंध को आप अपने कमरे भी इस्तेमाल कर सकते हैं यह बहुत मददगार होती हैं।
वैकल्पिक नाक श्वास

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व्यक्ति के दोषों को वैकल्पिक नाक श्वास शांत करती है। साथ ही यह चिंता को भी कम करने में सहायक होता है। मस्तिष्क को भी योग संतुलित करता है साथ ही मन को सही ऊर्जा प्रदान करता है। इसका प्रयास अगर आप किसी शांत जगह पर करते हैं तो लाभ मिलता है। एक बात का ध्यान रखें बल का प्रयोग सांस लेते समय न करें। सांस लेते समय मुंह से सांस न लें और थोड़ा आराम बीच-बीच में कर लें। 

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